Advertisement

Search Result : "सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय"

पांच साल पहले पीएफ निकासी पर टीडीएस की कैंची

पांच साल पहले पीएफ निकासी पर टीडीएस की कैंची

किसी कंपनी या संस्‍थान में काम करने वाले कर्मचा‌री अब पांच साल पहले अपनी ‌भविष्य निधि (पीएफ) राशि नहीं निकाल सकते यदि वह राशि 30 हजार रुपये से अधिक है। ऐसा करने वाले कर्मचारियों को 10 प्रतिशत से लेकर 34.608 प्रतिशत की दर से स्रोत पर कर (टीडीएस) देना होगा।
ग्रीनपीस मामले में गृह मंत्रालय को हाईकोर्ट का नोटिस

ग्रीनपीस मामले में गृह मंत्रालय को हाईकोर्ट का नोटिस

बैंक खातों पर रोक और रजिस्‍ट्रेशन निलंबन के खिलाफ हाईकोर्ट ने ग्रीनपीस इंडिया की याचिका मंजूर कर ली है। इस मामले में हाईकोर्ट ने गृह मंत्रालय और कई बैंकों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।
प्रिया पिल्लई के पासपोर्ट से ऑफलोड मुहर हटाया गई

प्रिया पिल्लई के पासपोर्ट से ऑफलोड मुहर हटाया गई

ग्रीनपीस इंडिया की कार्यकर्ता प्रिया पिल्लई के पासपोर्ट से आधिकारिक तौर पर ऑफलोड मुहर को हटा ली गई है। इसके साथ ही खुफिया ब्यूरो द्वारा जारी विवादास्पद ‘लूक आउट सर्कुलर’की कार्रवाई के बाद पिछले चार महीनों से जारी घटनाक्रम पर विराम लग गया है।
भारत-अमेरिका संबंधों पर नेता दे रहे विशेष ध्यान

भारत-अमेरिका संबंधों पर नेता दे रहे विशेष ध्यान

अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि अमेरिका और भारत के बीच के संबंधों पर राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
कैग रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस का हंगामा

कैग रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस का हंगामा

राज्यसभा में शुक्रवार को कांग्रेस के सदस्यों ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के इस्तीफे की मांग करते हुए हंगामा किया जिससे शून्यकाल में सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित हुई।
राजद सांसद पप्पू यादव को पार्टी ने किया निष्कासित

राजद सांसद पप्पू यादव को पार्टी ने किया निष्कासित

मधेपुरा से सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को पार्टी विराेधी गतिविधियों के कारण राष्ट्रीय जनता दल ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। पार्टी से निकाले जाने को लेकर पप्पू यादव ने आउटलुक से कहा कि वह इस फैसले से निराश नहीं हैं और सामाजिक न्याय की लड़ाई अपने दम पर लड़ते रहेंगे।
किशोर न्याय संशोधन विधेयक पारित

किशोर न्याय संशोधन विधेयक पारित

केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को विवादास्पद किशोर न्याय कानून संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। संशोधित विधेयक में यह प्रावधान किया गया है कि किशोर न्याय बोर्ड यह निर्णय करेगा कि बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों में शामिल 16 वर्ष से अधिक उम्र के किशोर को सुधार गृह में रखा जाये या उस पर सामान्य अदालत में मुकदमा चलाया जाये। इस बारे में बात किए जाने पर वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर का कहना है ‘ यह बहुत ही गलत फैसला है। इसके तहत सिर्फ यह देखा जा रहा है कि जेलें कैसे भरी जाएं, यह नहीं देखा जा रहा कि बालसुधार गृहों में क्या सुधार किए जाएं, बच्चों को सामाजिक माहौल कैसा दिया जाए, उनकी मनोविज्ञानिक चिकित्सा के सिलसिले में क्या किया जाए या उन्हें किस प्रकार की वोकेशल ट्रेनिंग दी जाए।’