आरएसएस के एक बड़े नेता ने गोरक्षा को लेकर बड़ा बयान दिया है। कहा गया कि गोरक्षा को लेकर राजनीति करना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। इसे संघर्ष का रूप देना सामाजिक पाप है।
आईपीएल का दसवां संस्करण अपने आखिरी दौर में जा पहुंचा है और हर साल की तरह इस बार भी प्लेऑफ के समीकरण पर सबका ध्यान जा रहा है। मुंबई इंडियंस ने 9 जीत के साथ अपनी जगह प्लेऑफ में पक्की कर ली है। सभी की नजरें चार टीमों पर बनी हुई है। यह भी दिलचस्प होगा कि कौन सी टीम प्लेऑफ में कौन से नंबर पर अपनी जगह बनाने में कामयाब होती है।
राजौरी गार्डन की हार के बाद आप ने आगे के राजनीतिक समीकरणों को साधने के लिए शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस की। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमारी पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगी।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि पत्रकारिता का देश के सामाजिक सुधार के साथ लोगों में जागरुकता लाने में अहम योगदान है। राष्ट्रपति ने कहा कि देश की आजादी से लेकर वर्तमान में पत्रकारिता ने कई आयामों की स्थापना की है।
राजनीतिक कार्यकर्ता शाजिया इल्मी ने कहा कि पितृसत्तात्मकता एक मानसिकता है और नारीवाद इसी मानसिकता के खिलाफ लड़ाई है और यह किसी विशेष लिंग तक सीमित नहीं है। शाजिया ने बी बोल्ड फाॅर ए चेंज शीर्षक पर पैनल की चर्चा में यह बात कही। यह विषय इस साल के अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का भी थीम है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हिंदूओ के पलायन को बड़ा चुनावी मुददा बनाते हुए भाजपा के फायरब्रांड नेता और सांसद योगी आदित्यनाथ ने धौलाना में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर स्थिति इसी तरह बनी रही तो आने वाले समय में पश्चिमी उत्तर प्रदेश नया कश्मीर बन सकता है। योगी के इस बयान के बाद से पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सियासी समीकरण बदलने लगा है। माना जा रहा है कि उनके इस उग्र बयान के बाद इलाके में हिंदू वोटो का धु्वीकरण बढ़ सकता है।
पूूर्वांचल में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी और उनके विधायक भाई सिग्बतुल्लाह अंसारी के बसपा में जाने से सियासी समीकरण बदल गया है। समाजवादी पार्टी ने पूर्वांचल में जीत की बड़ी उम्मीद की थी लेकिन अब भाजपा के लिए फायदा दिखने लगा है।
कर्ज के बोझ के तले दबे किसानों की व्यथा, स्वास्थ्य संबंधी परेशानी और बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझते उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड के लोगों की समस्याएं खबरों की सुर्खियां तो जरूर बनती हैं लेकिन चुनावी मुद्दा नहीं बन पातीं और अब सवाल यह है कि राजनीतिक दलों के लिए अंतत: जीत के जातिगत समीकरण का फार्मूला क्या विकास की शक्ल ले पायेगा।
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने मंगलवार को कहा कि देश में कल्याण संबंधी कानून बनाए जाने और कदम उठाए जाने के 70 साल बाद भी सामाजिक न्याय प्रदान करने की जमीनी हकीकत निराशाजनक है। उन्होंने कहा, सामाजिक न्याय के मामले में हम कहां खड़े हैं ? सामाजिक न्याय प्रदान करने के लिए कल्याण संबंधी कानून बनाए जाने और कदम उठाए जाने के 70 साल बाद भी यह एक सवाल है जो गणराज्य के लोग राज्य से पूछ सकते हैं।
‘धर्म न केवल मनुष्य बल्कि प्राणिमात्र की एकता और सौहार्द्र की सीख देते हैं। अहिंसा और प्रेम हर धर्म के मूल में हैं। समाज का कोई भी धर्म हिंसा और वैमनस्य को स्वीकृति नहीं देता।’ सद्भावना सेवा संस्थान एवं इंटरफेथ फाउंडेशन के तत्वावधान में हुए “सामाजिक, धार्मिक परिदृश्यः परिवर्तन और जिम्मेदारियां” विषयक सेमिनार में आए विचारों का लब्बोलुआब करीब-करीब यही था।