नागरिकों का आधार कार्ड बनाने में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) की मदद करने वाली एक एजेंसी ने कुछ ज्यादा ही उत्साहित होते हुए क्रिकेट खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी के आधार कार्ड की जानकारी को ट्विटर पर शेयर कर दिया।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नए स्वास्थ्य सेवा विधेयक को प्रतिनिधि सभा में पारित नहीं करवा पाने की वजह से निराशा जाहिर की है। वह ओबामाकेयर को निरस्त कर उसकी जगह नए विधेयक को लाना चाहते थे लेकिन प्रतिनिधि सभा में इस पक्ष में मिले कम वोट की वजह से विधयेक पारित नहीं हो सका।
आयकर विभाग ने आज ऐसी 29 कंपनियों और लोगों के नाम सार्वजनिक किए हैं जिनके ऊपर 448.02 करोड़ रूपये का कर बकाया है और वह उसका भुगतान नहीं कर रहे हैं। विभाग ने बकाया कर नहीं चुकाने वालों के नाम सार्वजनिक कर उन्हें शर्मिंदा करने की रणनीति के तहत यह कदम उठाया है।
भारतीय मूल के दो अमेरिकी लेखकों का चयन 30,000 पाउंड ईनामी राशि वाले वेलकम बुक प्राइज के लिए किया गया है। यह पुरस्कार स्वास्थ्य और चिकित्सा से संबंधित विषयों पर फिक्शन और नॉन फिक्शन कार्यों के लिए प्रदान किया जाता है।
अमेरिकी सीनेट ने ट्रंप प्रशासन में स्वास्थ्य देखभाल से संबंधित एक शीर्ष पद के लिए भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक सीमा वर्मा के नाम को मंजूरी दे दी। सीनेट ने 43 के मुकाबले 55 वोट से वर्मा के नाम को मंजूरी दी। व्हाइट हाउस ने उन्हें निर्विवाद रूप से योग्य बताया है।
स्त्रीकाल और राष्ट्रीय दलित महिला आंदोलन के दिल्ली में आयोजित त्रिसत्रीय संयुक्त सेमिनार में मौजूदा चुनौतियों से निपटने की जरूरत संबंधी, प्रोफ़ेसर चौथीराम यादव के प्रस्ताव कि ‘राष्ट्रवाद के नाम पर जिस तरह की आक्रामकता देखी जा रही है, वह एक राष्ट्र के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है’ से मौजूद विचारकों ने सहमति जताई और स्वीकारा कि राजनीतिक विपक्ष की कमजोरी से देश के विश्वविद्यालय वास्तविक प्रतिपक्ष के रूप में खड़े हो रहे हैं, खास कर वहां के छात्र।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने नकली और बिना मानक गुणवत्ता वाली दवाइयों की समस्याओं के लिए एक सर्वेक्षण करने से संबंधित कार्य राष्ट्रीय बायोलॉजिकल्स संस्थान (एनआईबी), नोएडा को सौंपा था। एनआईबी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अहम स्वास्थ्य पद के लिए नामांकित भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक सीमा वर्मा ने कहा है कि देश की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली निराशाजनक हो गई है और यह बेहद खर्चीली बन गई है। उन्होंने कहा कि आवश्यकता के मुताबिक चिकित्सा सेवा हासिल करने की लोगों की उम्मीदों भी धूमिल होती जा रही हैं।