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हाईकोर्ट जज ने अपने ही तबादले के आदेश पर लगाई रोक

हाईकोर्ट जज ने अपने ही तबादले के आदेश पर लगाई रोक

एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में मद्रास हईकोर्ट के न्यायमूर्ति कर्णन ने अपने ही तबादले के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर स्थगन लगा दिया है। प्रधान न्यायाधीश ने विवादों के लिए मशहूर मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सी. एस. कर्णन का तबादला कलकत्ता उच्च न्यायालय कर दिया था।
राम मंदिर पर कोर्ट के फैसले के बाद निर्णय लेगी सरकार: कलराज

राम मंदिर पर कोर्ट के फैसले के बाद निर्णय लेगी सरकार: कलराज

केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र का कहना है कि सरकार राम मंदिर मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद मंदिर निर्माण के संबंध में कोई फैसला करेगी।
धारा 377 मामला: पांच जजों की पीठ को सौंपी याचिका

धारा 377 मामला: पांच जजों की पीठ को सौंपी याचिका

भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत स्वेच्छा से दो वयस्कों के बीच समलैंगिक यौन संबंध स्थापित करने को अपराध की श्रेणी में रखने संबंधी शीर्ष अदालत के फैसले पर फिर से गौर करने के लिए दायर सुधारात्मक याचिका को आज उच्चतम न्यायालय ने पांच सदस्यीय संविधान पीठ को सौंप दी।
आवरण कथाः उच्च शिक्षा की साख पर खतरा

आवरण कथाः उच्च शिक्षा की साख पर खतरा

हाल ही में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश में उच्च शिक्षा के गिरते स्तर को लेकर चिंता प्रकट की मगर साथ ही साथ उन्होंने इस बात पर संतोष भी जताया कि निजी शिक्षा के क्षेत्र में फैलाव से उच्च शिक्षा तक छात्रों की पहुंच बढ़ गई है। आंकड़े दिखाते हैं कि राष्ट्रपति की दोनों ही बातों में दम है। वर्तमान में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में 60 फीसदी छात्र निजी संस्थानों से हैं। निजी शिक्षा के प्रसार ने ऊंची शिक्षा तक पहुंच को बढ़ा दिया है लेकिन समय-समय पर सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते रहे हैं। संसद की एक समिति ने भी उच्च शिक्षा की दशा पर सवाल उठाए हैं और इसे दुरुस्त करने की सिफारिश की है। हालांकि शिक्षा को लेकर सरकार कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2014-15 के बजट में शिक्षा के बजट को 83 हजार करोड़ रुपये से घटाकर 69 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया और इससे अगले साल के बजट में भी इसमें बढ़ोतरी नहीं की गई।
अरूणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन पर शत्रुघ्न ने उठाया सवाल

अरूणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन पर शत्रुघ्न ने उठाया सवाल

अपने पार्टी विरोधी बयानों से भाजपा को लगातार परेशानी में डालने वाले भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने अरूणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की आलोचना की है। उन्होंने शनिवार को केंद्र के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि यदि सरकार मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले तक इंतजार कर लेती तो आसमान नहीं गिर जाता।
डीडीसीए: सरकार और जेटली के खिलाफ अदालत जाएंगे आजाद

डीडीसीए: सरकार और जेटली के खिलाफ अदालत जाएंगे आजाद

निलंबित भाजपा सांसद कीर्ति आजाद ने आज डीडीसीए मामले में मोदी सरकार को भी घसीटते हुए कहा कि वह सरकार के अलावा वित्त मंत्री अरूण जेटली के विरूद्ध अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। आजाद ने दावा किया कि सीबीआई अब भी पिंजड़े का तोता ही है।
अरुणाचल प्रदेशः तुकी ने सुप्रीम कोर्ट में नयी याचिका दायर की

अरुणाचल प्रदेशः तुकी ने सुप्रीम कोर्ट में नयी याचिका दायर की

अरूणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्राी नबाम तुकी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में नयी याचिका दायर की है। कांग्रेस नेता द्वारा दायर याचिका पर न्यायमूर्ति जेएस खेहड़ के नेतृत्व वाली पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ द्वारा सोमवार को सुनवाई किए जाने की संभावना है।
बायोमेट्रिक आधार संख्या संबंधी मामले में मुख्य न्यायधीश को पत्र

बायोमेट्रिक आधार संख्या संबंधी मामले में मुख्य न्यायधीश को पत्र

सिटीजंस फोरम फॉर सिविल लिबर्टीज के सदस्य गोपाल कृष्ण ने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश को पत्र लिखा है। यह पत्र बायोमेट्रिक आधार संख्या के संदर्भ में निजता के अधिकार पर दायर याचिका के संबंध में संविधान पीठ बनाए जाने के न्यायालय के आदेश पर है। न्यायालय के आदेश के बावजूद इस संवैधानिक पीठ का गठन अभी तक नहीं किया गया है। गोपाल कृष्ण का कहना है कि मुख्य न्यायधीश ने स्वंय कहा था कि यह मामला जरूरी है।
चर्चाः उच्च सदन, ऊंचे पद, काम अधूरे | आलोक मेहता

चर्चाः उच्च सदन, ऊंचे पद, काम अधूरे | आलोक मेहता

प्रसिद्ध पत्रकार और राज्यसभा के पूर्व सदस्य कुलदीप नायर ने बहुत पहले यह कानूनी लड़ाई लड़ी थी कि संसद के उच्च सदन में मूलतः संबंधित प्रदेश के नेता को ही चुने जाने का प्रावधान हो। श्री नायर यह लड़ाई जीत नहीं सके, लेकिन विभिन्न प्रदेशों के लोग, प्रादेशिक नेता और कार्यकर्ता बाहरी नेताओं को फूलमालाएं पहनाने और जय-जयकार करने के बाद भी मन से दुःखी और दर्द झेलते रहे। इसलिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर नरेंद्र मोदी द्वारा असम की अनदेखी तथा योजनाओं का क्रियान्वयन न करने के आरोप राजनीतिक होने के बावजूद सही हैं।
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