बिहार में एकाएक सियासी पारा गरमा गया है। राजद सुप्रीमो परिवार पर सीबीआई छापों के बाद महागठबंधन को लेकर तमाम आशंकाएं शुरु हो गई हैं। जदयू, कांग्रेस और राजद तीनों में खलबली है। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर एफआईआर होने के बाद नीतीश क्या फैसला लेंगे। जदयू व राजद अब इसी रणनीति पर विचार कर रही है। राजद प्रमुख ने इसके लिए सोमवार को विधायक दल की बैठक बुलाई है तो नीतिश ने उसके अगले दिन।
देश के सबसे बड़े सियासी परिवार में नए सदस्यों की राजनीतिक पारी बढ़ाने के लिए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनकी सांसद पत्नी डिंपल यादव ने पूरा दम लगा दिया है। अखिलेश और डिंपल प्रदेश की अन्य सीटों पर जीत के लिए तो मतदाताओं से अपील कर ही रहे हैं लेकिन सबसे खास सीट लखनऊ कैंट और लखनऊ की ही सरोजनी नगर सीट पर कुछ ज्यादा ही निगाह जमाए हुए हैं।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हिंदूओ के पलायन को बड़ा चुनावी मुददा बनाते हुए भाजपा के फायरब्रांड नेता और सांसद योगी आदित्यनाथ ने धौलाना में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर स्थिति इसी तरह बनी रही तो आने वाले समय में पश्चिमी उत्तर प्रदेश नया कश्मीर बन सकता है। योगी के इस बयान के बाद से पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सियासी समीकरण बदलने लगा है। माना जा रहा है कि उनके इस उग्र बयान के बाद इलाके में हिंदू वोटो का धु्वीकरण बढ़ सकता है।
पूूर्वांचल में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी और उनके विधायक भाई सिग्बतुल्लाह अंसारी के बसपा में जाने से सियासी समीकरण बदल गया है। समाजवादी पार्टी ने पूर्वांचल में जीत की बड़ी उम्मीद की थी लेकिन अब भाजपा के लिए फायदा दिखने लगा है।
मध्यप्रदेश में आम आदमी पार्टी (आप) की बढ़ती सक्रियता से किसी निर्णायक सियासी असर की संभावना को खारिज करते हुए सत्तारूढ़ भाजपा ने कहा कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आप सरकार के खराब प्रदर्शन के कारण वहां की जनता रो रही है।
नोटबंदी के मुद्दे पर राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने को लेकर पलटवार करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज कहा कि कांग्रेस के भ्रष्टाचार के कुएं से इतने कंकाल निकलेंगे कि कांग्रेस के युवराज का सारा सियासी गुणा भाग बिगड़ जायेगा।
सियासी कबाड समेटने तथा लंगडे़ घोडे़ पर दांव खेलने के सत्तारूढ गठबंधन के नेताओं के आरोपों के बीच प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों से पहले गठबंधन के नेताओं का कांग्रेस में शामिल होना जहां निर्बाध रूप से जारी है वहीं दूसरी ओर इससे कांग्रेस के लिए भी टिकट बंटवारे में मुश्किल पैदा हो रही है।