प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के ढोल की पोल गुजरात में खुल रही। अहमदाबाद में सीवर में मौत के बाद एफआईआर तक आसानी से नहीं होती है दर्ज, गौर कानून प्रथा चल रहे है खुलेआम, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप 10 लाख रुपये का मुआवजा भी परिजनों को नहीं नसीब
भाजपा सफाई कर्मचारियों के लिए फिर दांव चलने की तैयारी में। जबकि सैंकड़ों सफाई कर्मचारी सीवर-सेप्टिक टैंक में मर रहे हैं और केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर पूरी तरह खामोश हैं।
राजस्थान के पुष्कर थाना क्षेत्र में सीवर लाईन की सफाई करने ऊतरे तीन सफाईकर्मियों की दम घुटने से मौत का मामला सामने आया है। अपने एक साथ को बचाने के लिए दो मजूदर सीवर के अंदर उतरे लेकिन तीनों की संभवत: दम घुटने से मौत हो गई।