छत्तीसगढ़ के बिलासपुर उच्च न्यायालय ने राज्य के सुकमा जिले में कथित मुठभेड़ में मारी गई मड़कम हिड़मे के शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम करने का आदेश दिया है।
छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित जिलों में माओवादियों के आत्मसमर्पण का सिलसिला जारी है। ताजा कड़ी में शनिवार को 11 महिला नक्सलियों समेत 122 नक्सलियों ने हथियार फेंककर समाज की मुख्यधारा में लौटने का फैसला करते हुए छत्तीसगढ़ पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत सुकमा जिले में यह अब तक का सबसे बड़ा समर्पण माना जा रहा है।
छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल बस्तर क्षेत्र के सुकमा जिले में 15 महिलाओं सहित 70 नक्सलियों ने आज आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस के अनुसार माओवादी आंदोलन और हिंसा से निराश होकर इन लोगों ने अपने हथियार डालने का फैसला किया।
एक बार फिर छत्तीसगढ़ की जमीन बड़े हिंसक दिनों की आहट महसूस कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छत्तीसगढ़ के दंतेवाडा में हुई सभा, वहां से यह ऐलान करना कि हिंसा को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ठीक उसी समय माओवादियों द्वारा सुकमा के सैंकड़ों ग्रामीणों को बंधक बनाना-इस ओर इशारा कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में बड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान नक्सलियों ने सुकमा जिले में लगभग 500 ग्रामीणों को अगवा कर लिया है। लेकिन इस घटना पर परस्पर विरोधी दावे सामने आ रहे हैं।