सुनील सीरीज का उपन्यास उनका पहला उपन्यास था और यह 1963 में पब्लिश हुआ था। यह उपन्यास पुराने गुनाह नए गुनहगार पत्रिका नीलम जासूस में प्रकाशित हुआ था। इसके बाद खोजी पत्रकार सुनील चक्रवर्ती को लेकर उन्होंने 100 किताबों की श्रृंखला की।
नवें दशक से मराठा सरदार के नाम से चर्चित एवं वरिष्ठ राजनीतिक शरद पवार के जीवन पर आधारित उनकी जीवनी ‘स्वयंसिद्धः शरद पवार का जीवन और समय’ का लोकार्पण वरिष्ठ हिन्दी कवि केदारनाथ सिंह एवं पूर्व योजना आयोग सदस्य डॉ. सैयदा हमीद द्वारा कल शाम दिल्ली के ग्रेटर कैलाश-1 में किया गया, जिसमें एनसीपी महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता देवी प्रसाद त्रिपाठी (जीवनी लेखक), पवार की पुत्री सुप्रिया सुले, साहित्यकार अशोक वाजपेयी, हर्षवर्धन नेवटिया, एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल, जया बच्चन, राजीव शुक्ला समेत प्रकाशन परिवार प्रमुख शिरकत रही|