सुप्रीम कोर्ट ने अन्नाद्रमुक की दिवंगत नेता जे जयललिता की मौत की सीबीआई जांच या शीर्ष न्यायालय के किसी न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच की मांग को लेकर दायर याचिकाओं को आज खारिज कर दिया।
चिन्नम्मा वाझुगई के नारों के बीच वीके शशिकला ने आज अन्नाद्रमुक महासचिव का पदभार संभाला, जो पार्टी का शीर्ष पद है। उन्होंने जयललिता की विरासत को आगे ले जाने का संकल्प लेते हुए कहा कि उनकी राजनीतिक शिक्षाओं का वह वेदों की तरह पालन करेंगी।
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के निधन से जुड़ी परिस्थितियों पर मद्रास उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के संशय प्रकट करने के एक दिन बाद द्रमुक ने उनके निधन की परिस्थितियों की उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश द्वारा जांच कराये जाने की आज मांग की।
पूर्व मुख्यमंत्राी जयललिता की मृत्यु की परिस्थितियों पर सन्देह व्यक्त करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने संकेत दिया है कि वह शव को समाधि से निकालने का आदेश दे सकते हैं। उन्होंने उस याचिका की सुनवाई के दौरान यह संकेत दिया जिसमें इस मामले की जांच किसी जांच आयोग या तथ्य अन्वेषण समिति से करवाने का अनुरोध किया गया है। दो सदस्यीय अवकाश पीठ का नेतृत्व कर रहे न्यायमूर्ति एस वैद्यनाथन ने कहा कि जनता को पता होना चाहिए कि क्या हुआ।
दिवंगत जे जयललिता की करीबी सहयोगी वी के शशिकला को अन्नाद्रमुक की मुख्य सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। उनकी नियुक्ति पार्टी की शीर्ष निर्णायक इकाई द्वारा इस संदर्भ में सर्वसम्मति के साथ एक प्रस्ताव पारित करने पर हुई है। यह प्रस्ताव चेन्नई में आयोेजित जनरल काउंसिल की बैठक में सर्वसम्मति के साथ स्वीकार किया गया। पार्टी की महासचिव और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद से यह पद खाली था।
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की मृत्यु से जुड़ी परिस्थितियों पर लोगों के संदेह को साझा करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने आज संकेत दिया कि वह शव को समाधि से निकालने का आदेश दे सकते हैं।
तमिलनाडु में एआईएडीएमके पर फूट पड़ने की आशंका है। जयललिता की भतीजी ने शशिकला को पार्टी की जिम्मेदारी देने का विरोध किया है। मंत्री शशिकला पर जिम्मेदारी संभालने का दबाव बना रहे हैं।
तमिलनाडु के सत्तारूढ़ दल अन्नाद्रमुक ने आज कहा कि जयललिता की बीमारी और उसके बाद निधन के दुख और सदमे से अभी तक 77 लोगों की जान गयी है। पार्टी ने प्रत्येक पीडि़त परिवार को तीन-तीन लाख रूपए की सहायता राशि देने की घोषणा आज की।
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता के निधन के बाद उनके उत्तराधिकारी को लेकर तरह तरह केे सवाल उठ रहे हैं। ओ पनीरसेल्वम, पी रामचंद्रन, थंबीदुरई, ई पलानीस्वामी और शशिकला नटराजन जैसे कई नाम सामने आए लेकिन किसी एक नाम पर सर्वसम्मति नहीं बनी। तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक के अलावा अन्य राज्यों में सत्ताशीन क्षेत्रीय दलों में भी उत्तराधिकारी को लेकर समस्या है।
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता का दिल का दौरा पड़ने के बाद सोमवार को चेन्नई के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया। उनकी हालत गंभीर थी और चिकित्सकों का विशेषज्ञ दल उनके स्वास्थ्य पर गहराई से नजर रख रहा था। जयललिता दो माह से भी ज्यादा समय से अस्पताल में भर्ती थींं।