सुप्रीम कोर्ट ने आज अखिलेश सरकार की समाजवादी पेंशन योजना को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया है। कोर्ट की ओर से मिली हरी झंडी से अखिलेश सरकार ने राहत महसूस की है।
भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर का आज दोपहर यहां एक अस्पताल में निधन हो गया। अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 68 वर्षीय न्यायमूर्ति कबीर ने दो बजकर 52 मिनट पर अंतिम सांस ली। वह किडनी की बीमारी से ग्रस्त थे।
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रगीत वंदे मातरम् को स्कूलों में गाए जाने को जरूरी बनाने की अपील पर किसी बहस में पड़ने से इनकार कर दिया। जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुआई वाली बेंच ने शुक्रवार को संविधान के अनुच्छेद 51 ए (ए) का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसी अपील सिर्फ राष्ट्रगान जन-गण-मन और राष्ट्रीय ध्वज के मामले में मंजूर की जा सकती है, राष्ट्रगीत के मामले में नहीं।
उच्चतम न्यायालय ने अखिलेश सरकार में मंत्री रहे और अमेठी से सपा उम्मीदवार गायत्री प्रजापति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। गायत्री के खिलाफ एक महिला के साथ यौन शोषण करने और उसी महिला की नाबालिग बेटी के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप है।
सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ मुस्लिम समाज में प्रचलित तीन तलाक, निकाह हलाला और बहुविवाह की प्रथा को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करके इनका फैसला करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने आज विवादास्पद राजद नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन को सीवान जेल से तिहाड़ जेल भेजने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने शहाबुद्दीन को एक सप्ताह के अंदर बिहार की सीवान जेल से तिहाड़ जेल में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने अन्ना द्रमुक प्रमुख वी के शशिकला को सरेंडर करने के लिए और समय देने वाली याचिका पर आज सुनवाई से इनकार कर दिया। कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में चार साल की सजा पाने वाली शशिकला आज सरेंडर करने के लिए कहा है। कोर्ट का आदेश आने के बाद उनके आवास के बाहर समर्थकों की भीड़ जुटने लगी है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ आप सरकार की याचिकाओं को आज संविधान पीठ को सौंप दिया जिसमें कहा गया है कि दिल्ली एक राज्य नहीं है और इसका प्रशासनिक मुखिया उपराज्यपाल है।
सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि वह मुस्लिम समाज में प्रचलित तीन तलाक, तलाक हलाला और बहुविवाह की परंपरा कानूनी पहलू से जुड़े मुद्दों पर ही विचार करेगा। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि वह इस सवाल पर विचार नहीं करेगा कि क्या मुस्लिम पर्सनल ला के तहत तलाक की अदालतों को निगरानी करनी चाहिए क्योंकि यह विधायिका के अधिकार क्षेत्र में आता है।