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मोदी कर रहे हैं किसानों का अपमानः राहुल

मोदी कर रहे हैं किसानों का अपमानः राहुल

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तमिलनाडु के सूखा प्रभावित किसानों का अपमान करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि किसानों से उनकी राहत पैकेज की मांग पर बात नहीं करके उनका असम्मान किया जा रहा है।
तमिलनाडु के किसानों को कर्ज माफी का आश्वासन नहीं

तमिलनाडु के किसानों को कर्ज माफी का आश्वासन नहीं

राज्यसभा में आज सरकार ने सूखा प्रभावित प्रदेश तमिलनाडु के किसानों के लिए कर्ज माफी का सीधे कोई आश्वासन नहीं दिया लेकिन कहा कि फसल बीमा योजना के तहत बीमा के दायरे को बढ़ाया जा रहा है।
कृषि मंत्री राधामोहन सिं‍ह बोले, इस साल खाद्यान्न उत्पादन पर बनेगा रिकार्ड

कृषि मंत्री राधामोहन सिं‍ह बोले, इस साल खाद्यान्न उत्पादन पर बनेगा रिकार्ड

लगातार दो साल सूखे के बाद इस बार बेहतर बारिश के चलते देश का खाद्यान्न उत्पादन चालू फसल वर्ष 2016-17 में रिकार्ड पैमाने को छू सकता है। कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने यह उम्मीद जताई है। वह नई दिल्‍ली में रबी फसल पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन में राज्यों के कृषि अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं।
बारिश होने के बावजूद देश के बड़े हिस्से में सूखे का संकट

बारिश होने के बावजूद देश के बड़े हिस्से में सूखे का संकट

लगातार दो सालों तक सूखे के बाद भारत में औसत बारिश हुई है। बारिश अगस्त के अंत तक 100 फीसदी के औसत से 2 प्रतिशत कम थी। लेकिन इसके बावजूद देश के एक तिहाई से ज्यादा हिस्से में कम बारिश हुई है। जिस कारण से यहां सूखे का संकट उत्पन्न होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
1.5 लाख लीटर पानी की बर्बादी, सरकारी कर्मचारियों का वेतन नहीं बढ़ेगा

1.5 लाख लीटर पानी की बर्बादी, सरकारी कर्मचारियों का वेतन नहीं बढ़ेगा

महाराष्‍ट्र के लातूर जिले के तीन सरकारी कर्मचारियों को वेतन बढ़ोत्‍तरी का लाभ देने से इनकार कर दिया गया है। इनमें एक क्‍लास-वन अफसर भी शामिल है। इन तीनों कर्मचारियों को इस सूखाग्रस्‍त क्षेत्र में पानी बर्बाद करने का जिम्‍मेदार पाया गया था। यह कार्रवाई 21 अगस्‍त को छह ओवरहेड टैंक से 1.5 लाख लीटर पानी की बर्बादी के बाद की गई है। लातूर नगर निगम द्वारा संचालित यह पानी की टंकियां ओवरफ्लो होने के चलते 20 मिनट तक बहती रहीं। तीनों कर्मचा‍री नगर निगम के सप्‍लाई डिपार्टमेंट से हैं।
आर्थिक मोर्चे पर धीमी पड़ी रफ्तार, विकास दर घटकर 7.1 फीसदी हुई

आर्थिक मोर्चे पर धीमी पड़ी रफ्तार, विकास दर घटकर 7.1 फीसदी हुई

सूखा और खनन व निर्माण क्षेत्र की धीमी गति के चलते विकास दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में घटकर 7.1 प्रतिशत रह गयी है जो कि पिछली छह तिमाही में सबसेे कम है। जीडीपी में वृद्धि का ताजा स्तर वित्त वर्ष 2015-16 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 7.5 प्रतिशत की अपेक्षा कम है।