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एक्सक्लूसिवः उत्तरी दिल्ली नगर निगम को सूचना आयोग ने लगाई लताड़

एक्सक्लूसिवः उत्तरी दिल्ली नगर निगम को सूचना आयोग ने लगाई लताड़

उत्तरी नगर निगम में भ्रष्टाचार का खुला खेल खेला जा रहा है। इसको लेकर केंद्रीय सूचना आयोग ने निगम को लताड़ लगाई है। ‌आयोग ने निगम को कहा ‌है कि वैकल्पिक भूखंड लेने के बावजूद कारोबारियों ने रिहायशी इलाकों में कारोबार जारी रखा है और निगम कार्रवाई करने की बजाय उदासीन रवैया अपनाए हुए है।
एक्सक्लूसिवः  नार्थ एमसीडी ने जारी कर दिए फर्जी जन्म प्रमाण पत्र, होगी जांच

एक्सक्लूसिवः नार्थ एमसीडी ने जारी कर दिए फर्जी जन्म प्रमाण पत्र, होगी जांच

दिल्ली नगर निगम में भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं है। लेकिन जन्म प्रमाण पत्र को लेकर विभाग की ऐसी लापरवाही जिसने सारे नियम कानून को ताक पर रख दिया। फर्जी जन्मप्रमाण पत्र देने का मामला उत्तरी नगर निगम में सामने आया है। निगम ने 49 जन्म प्रमाण पत्र बिना किसी जांच पड़ताल के जारी कर दिया।
वित्तीय बाजार 2008 के बाद नीति नियामकों के काबू से बाहर निकल गए: सेबी प्रमुख

वित्तीय बाजार 2008 के बाद नीति नियामकों के काबू से बाहर निकल गए: सेबी प्रमुख

वैश्विक स्तर पर वित्तीय बाजार नियामकों के बीच बेहतर संयोजन पर जोर देते हुए भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन यू के सिन्हा ने आज कहा कि 2008 के ऋण संकट के बाद दुनिया में गैर परंपरागत मौद्रिक नीतियों से बाजार नीति निर्माताओं के नियंत्रण से बाहर हो गए हैं।
केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री को अपने ही प्रदेश के डॉक्टर लगते हैं अड़ियल बैल

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री को अपने ही प्रदेश के डॉक्टर लगते हैं अड़ियल बैल

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते विवादित बयान देने में आगे हैं। उनका एक और विवादास्पद बयान सामने आया है। इस बार उन्‍होंने अपने प्रदेश यानी मध्‍यप्रदेश के डॉक्‍टरों पर निशाना साधा है। उन्होंने मध्यप्रदेश के डाॅॅक्टरों को 'अड़ियल बैल' बताया है। साथ ही उन्होंने कहा कि इन डाॅॅक्टरों पर किसी प्रकार की सख्ती नहीं की जा सकती। वह सख्‍ती करने पर पूरी तरह असमर्थ हैं।
अल्पसंख्यकों की ‘नई मंजिल योजना’ का हाल, आवंटन के बावजूद धनराशि जारी नहीं हुई

अल्पसंख्यकों की ‘नई मंजिल योजना’ का हाल, आवंटन के बावजूद धनराशि जारी नहीं हुई

अल्पसंख्यक युवाओं की शिक्षा और कौशल विकास की दिशा में समग्र पहल नई मंजिल योजना को शुरू हुए एक वर्ष से अधिक समय गुजर गया है लेकिन चालू वित्त वर्ष में वित्तीय आवंटन किए जाने के बावजूद अब तक कोई धनराशि जारी नहीं की गई है।
भाजपा का राज : मध्‍यप्रदेश के बच्‍चे पढ़ाई में है सबसे पीछे, एनसीईआरटी की रिपोर्ट

भाजपा का राज : मध्‍यप्रदेश के बच्‍चे पढ़ाई में है सबसे पीछे, एनसीईआरटी की रिपोर्ट

मध्‍य प्रदेश में विकास की बयार बहाने का दावा करने वाले मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस रिपोर्ट से झटका मिल सकता है। प्रदेश सरकार सूबे में सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्‍तर बेहतर करने की लगातार कोशिश कर रही है। ऐसे में एनसीईआरटी की रिपोर्ट के बाद मध्य प्रदेश सरकार के लिए परेशानी और बढ़ सकती है।
असहमति : जीएसटी की अधिकतम दर पर रार होना तय

असहमति : जीएसटी की अधिकतम दर पर रार होना तय

जीएसटी काउंसिल का गठन तय होने के बाद वस्तु एवं सेवाकर की सबसे ऊंची दर पर खींचतान निश्चित होगी। जीएसटी की अधिकतम दर क्या होगी, यह तय करने का काम काउंसिल का है और राज्य व केंद्र विपक्ष की 18 फीसदी की मांग पर सहमत होंगे, इसकी कोई उम्मीद फिलहाल नहीं दिख रही है।
एम्ब्रेयर विमान सौदा: रक्षा मंत्रालय ने सीबीआई और ईडी से जांच करने को कहा

एम्ब्रेयर विमान सौदा: रक्षा मंत्रालय ने सीबीआई और ईडी से जांच करने को कहा

रक्षा मंत्रालय ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय को सप्रंग सरकार के कार्यकाल में हुए 20.8 करोड़ डॉलर के एम्ब्रेयर विमान सौदे में रिश्वत लिए जाने के आरोपों की जांच करने को कहा है। यह सौदा वर्ष 2008 में ब्राजील के विमान निर्माता एम्ब्रेयर और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के बीच हुआ था।
गडकरी की खट्टर को नसीहत : अधिकारियों की बातों में ना आए, सख्‍त फैसला लें

गडकरी की खट्टर को नसीहत : अधिकारियों की बातों में ना आए, सख्‍त फैसला लें

केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग तथा जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को सख्‍त होने की नसीहत दी है। गडकरी ने कहा है कि अधिकारियों की बातों में अाने की बजाए मनोहर लाल उनके साथ सख्‍ती से पेश आएं। मंत्री ने यह भी कहा कि मैं भी निर्माण कार्य कर रहे ठेकेदारों से साफ कहता हूं कि काम में गलती करोगे तो बुलडोजर के नीचे दबा दूंगा।
केजरीवाल सरकार : 21 संसदीय सचिवों के बाद 40 सलाहकार निशानेे पर

केजरीवाल सरकार : 21 संसदीय सचिवों के बाद 40 सलाहकार निशानेे पर

दिल्‍ली में आम आदमी पार्टी सरकार के 21 संसदीय सचिवों के पद गंवाने के बाद अब बड़े पदों और मोटी सैलरी पर काम कर रहे करीब 40 सलाहकार और निजी स्टाफ राजभवन के निशाने पर हैं। मुख्‍य सचिव से इनके पद, सैलरी और नियुक्ति की प्रक्रिया पर रिपोर्ट मांगने के बाद उप राज्‍यपाल सचिवालय ने विधि विभाग से पूछा है कि क्या इन्हें पद से हटाने के बाद इन्हें अब तक दी गई सैलरी वापस ली जा सकती है।
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