देश में गोमांस पर छिड़ी बहस के बीच जयपुर में गाय को बचाने का संदेश देने वाली कलाकृति पर विवाद खड़ा हो गया। इस मामले में पुलिस ने दो कलाकारों को हिरासत में ले लिया। हालांकि, बाद में खुद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने घटना पर खेद व्यक्त किया है।
वसुंधरा राजे की राजस्थान सरकार ने उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसमें जयपुर के जवाहर कला केंद्र की गवर्निंग बॉडी में भारतीय मूल के ब्रिटिश मूर्तिकार अनीश कपूर को शामिल किया गया था। कपूर ने हाल ही में मोदी सरकार के शासन को हिंदू तालिबान करार देते हुए ब्रिटिश अखबार में एक लेख लिखा था। दो दिन पहले ही भाजपा शासित राजस्थान सरकार ने उन्हें बोर्ड में नामित किया था, जिसका भाजपा के भीतर ही काफी विरोध हुआ।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शनिवार को कहा कि बच्चों को सीमा पर तैनात सैनिकों से जाकर मिलने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि उनमें इन सैनिकों की सेवाओं के प्रति एक बेहतर समभुा विकसित हो सके और साथ ही सैनिकों की सेवाओं के प्रति देश का आभार भी व्यक्त किया जा सके।
करीब 40 साल पहले पंजाब से अमेरिका बस गए सर्जन शिवदेव सिंह ने अपने तैल चित्रों, चारकोल से बनाए गए स्केच और वॉटर कलर्स के जरिये अपनी जड़ों से जुड़ी यादों को तस्वीरों का रूप दे कर पंजाब के ग्रामीण जन-जीवन की झलक दिखाने की कोशिश की है।
हजरत अमीर खुसरो की लिखी रुदार ए शिरीन एक ऐसी स्त्री की जीवन गाथा है जिसमें वह अपनी पहचान और अस्तित्व ढूंढने की कोशिश करती है। इसे संगीतमय रूप में दिल्ली घराने की महिला कलाकारों ने प्रस्तुत किया है। रुदार ए शिरीन यानी शिरीन की कहानी की मंच पर संगीतमय प्रस्तुति को दर्शकों ने खूब सराहा।
पाकिस्तानी सूफी गायक अदील खान बर्की जब भी हिंदुस्तान आते हैं एक तकलीफ के साथ यहां से जाते हैं। बंटवारे के वक्त बर्की के बुजुर्गों को जालंधर से लाहौर पड़ा था। उनके दादा और वालिद की तमन्ना थी कि आखिरी वक्त में एक दफा वह जालंधर जरूर जाएं लेकिन वीजा की दिक्कतों के चलते उन्हें यह नसीब न हो सका। ऐसे में अदील खान के दादा और वालिद के खाक-ए-सुपुर्द होने के बाद उन्होंने उनकी कब्र पर कत्बा लगवाया, जिसपर लिखा ‘ए जालंधर की हवाओ अगर कभी इस तरफ से गुजरो तो कुछ देर इस कब्र पर ठहर जाना, तुम नहीं जानती कि मरने वाला तुम्हें कितना याद करता है क्योंकि तुम बदनसीब इंसानों की तरह वीजा की मोहताज नहीं हो।’ इस दफा जब अदील खान हिंदुस्तान आए तो आउटलुक की विशेष संवाददाता ने उनसे विशेष बातचीत की-
कला विद्यार्थी एक मार्गदर्शन कार्यक्रम के तहत अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे और नई बातें सीखेंगे। इन कलाकारों को 12वें रेसीडेंसी कार्यक्रम के लिए चुना गया है।