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ऐतिहासिक जलवायु समझौते को मंजूरी, जानिए इसकी खास बातें

ऐतिहासिक जलवायु समझौते को मंजूरी, जानिए इसकी खास बातें

दुनिया को जलवायु परिवर्तन के खतरे से बचाने के लिए विश्‍व के 196 देशों के बीच पेरिस में ऐतिहासिक हो गया है। लंबी खींचतान और विचार-विमर्श के बाद भारत, चीन, अमेरिका समेत छोटे-बड़े तमाम देश इस समझौते पर राजी हुए। इसमें धरती के तापमान में बढ़ोतरी को 2 डिग्री सेल्सियस से काफी नीचे रखने का लक्ष्‍य रखा गया है।
प्रदूषण रेड अलर्ट के करीब दिल्ली

प्रदूषण रेड अलर्ट के करीब दिल्ली

वायु प्रदूषण को लेकर चीन की राजधानी बीजिंग में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। वहां स्कूल-कॉलेज, निर्माण कार्य, कारें और बाहरी वाहन बंद है। दिल्ली का वायु प्रदूषण बीजिंग के वायु प्रदूषण के आसपास ही है। दिल्ली सरकार ने भी इस धुंध और धूल (स्मॉग) भरे प्रदूषण से निपटने के लिए कुछ योजनाएं लागू करने का फैसला किया है। जिनमें सबसे अधिक बवाल उस फैसले पर हो रहा है, जिसके तहत सड़कों पर एक दिन सम (ईवन) और दूसरे दिन विषम (ऑड) संख्या वाली कारें चलेंगी।
जलवायु समझौते का नया मसौदा जारी, लेकिन अहम मुद्दे अनसुलझे

जलवायु समझौते का नया मसौदा जारी, लेकिन अहम मुद्दे अनसुलझे

जलवायु परिवर्तन पर एेतिहासिक समझौते की समय सीमा से दो दिन पहले वार्ताकारों ने एक नया और छोटा मसौदा जारी किया है जिसमें सभी महत्वपूर्ण प्रगतियों और मतभेदों को शामिल किया गया है। हालांकि यह मसौदा भी जटिल मुद्दों पर मतभेदों को दूर करने में नाकाम रहा है।
टॉप 50 ग्लोबल शिक्षकों में 4 भारतीय शामिल

टॉप 50 ग्लोबल शिक्षकों में 4 भारतीय शामिल

भारतीय शिक्षकों ने एक अहम वैश्चिक मंच पर अपना सिक्‍का जमाया। टॉप 50 ग्लोबल शिक्षकों की सूची में भारत के चार शिक्षक जगह पाने में कामयाब रहे हैं। भारत से ज्‍यादा सिर्फ अमेरिका के 8 शिक्षक इस सूची में हैं।
कालाधन विदेश भेजने के मामले में भारत चौथे नंबर पर: रिपोर्ट

कालाधन विदेश भेजने के मामले में भारत चौथे नंबर पर: रिपोर्ट

भारत कालाधन विदेश में जमा करने के मामले में विश्‍व में चौथे स्थान पर है और 2004 से 2013 के बीच देश से हर साल करीब 51 अरब डालर का कालाधन बाहर ले जाया गया। यह खुलासा अमेरिका की एक विचार संस्था ने किया है। गौरतलब है कि भारत का रक्षा बजट 50 अरब डालर से कम है।
जलवायु सम्‍मेलन: मोदी ने विकसित देशों को याद दिलाई जिम्‍मेदारी

जलवायु सम्‍मेलन: मोदी ने विकसित देशों को याद दिलाई जिम्‍मेदारी

पेरिस में चल रहे जलवायु सम्‍मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2030 तक भारत के कार्बन उत्‍सर्जन स्‍तर में 2005 के मुकाबले 33-35 फीसदी कटौती का ऐलान किया है। साथ ही उन्‍होंने जलवायु परिवर्तन से निपटने में किसी तरह की एकतरफा कारवाई से दुनिया आगाह करते हुए विकसित देशों को उनकी जिम्‍मेदारी याद दिलाई है।
जलवायु सम्‍मेलन: ओबामा से हुई पीएम मोदी की मुलाकात

जलवायु सम्‍मेलन: ओबामा से हुई पीएम मोदी की मुलाकात

जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में हिस्सा लेने पेरिस गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा से मुलाकात की। इस मुलाकात से पहले भारतीय पवेलियन का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने एक बड़ी वैश्विक चुनौती बताते हुए कहा कि ग्लोबल वार्मिंग को सीमित करने के लिए व्यापक, न्यायसंगत और दीर्घकालिक समझौते पर सहमति के लिए दुनिया को इसे अत्यावश्यक मानते हुए काम करना होगा।
यूजीसी का 10 प्रमुख संस्‍थानों को कैंपस सेंटर बंद करने का आदेश

यूजीसी का 10 प्रमुख संस्‍थानों को कैंपस सेंटर बंद करने का आदेश

देश की उच्च शिक्षा नियामक संस्‍था केंद्रीय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने दस ऐसे प्रमुख संस्‍थानों को आदेश जारी किया है कि वे अपने कैंपस से अन्यत्र केंद्रों को तत्काल बंद कर दें। इन प्रमुख संस्‍थानों में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च एवं होमी भाभा नेशनल इंस्टीट्यूट, नरसी मुंजी इंस्टीट‍्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज यूनिवर्सिटी, बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स पिलानी) तथा बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मेसरा शामिल हैं।
ईंट भट्टों में जारी बंधुआ मजदूरी

ईंट भट्टों में जारी बंधुआ मजदूरी

आज भी लाखों-करोड़ों लोग गुलामी की जंजीरों में जकड़े हुए हैं, इस बात को स्वीकार करते हुए और लोगों में इसके खिलाफ जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से इंग्लैंड 18 अक्टूबर के दिन को दासता विरोधी दिवस के तौर पर मनाता है। इस साल इसमें मुख्य एजेंडा आधुनिक दासता और मानव तस्करी को खत्म करना था। वाक फ्री की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में विश्व के सबसे ज्यादा बधुआ मजदूर हैं और भारत के ईंट भट्टे में बंधुआ मजदूरी करवाई जाती है। भारत को भी अपने तमाम पारंपरिक और आधुनिक गुलामी के तरीकों के विरुद्ध एक दिन समर्पित करना चाहिए।
पर्यावरण के प्रतिकूल है बीफ सेवन: विशेषज्ञ

पर्यावरण के प्रतिकूल है बीफ सेवन: विशेषज्ञ

बीफ खाने के मुद्दे ने इन दिनों देश को आंदोलित कर रखा है जहां लगभग सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। धार्मिक रूप से बीफ सेवन वर्जित होना इस मुद्दे का एक आयाम हो सकता है लेकिन बीफ सेवन के खिलाफ एक और बेहद मजबूत पहलू यह है कि यह पर्यावरण के अनुकूल भी नहीं है।
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