उच्चतम न्यायालय ने उत्तराखंड विधानसभा में शक्ति परीक्षण आयोजित करवाने की व्यवहार्यता के बारे में उसे सूचित करने के लिए केंद्र सरकार को छह मई तक का समय दिया है। राष्ट्रपति शासन खारिज करने के उत्तराखंड उच्च न्यायालय के निर्णय पर अगला आदेश आने तक अंतरिम रोक जारी रहेगी।
उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन विवाद में केंद्र की याचिका पर आज सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सात सवालों का जवाब मांगा है। कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 3 मई की तारीख तय की है। इस बीच नैनीताल उच्च न्यायालय के फैसले पर स्थगन रहेगा जिसका मतलब हुआ कि 29 अप्रैल को सदन में शक्ति परीक्षण नहीं होगा और अगली सुनवाई तक राज्य में राष्ट्रपति शासन जारी रहेगा।
उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने का मुद्दा आज लोकसभा में उठा और इस पर गहरी आपत्ति व्यक्त करते हुए कांग्रेस सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे और इस विषय पर बात रखने की अनुमति तत्काल नहीं दिए जाने के विरोध में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सदन में धरने पर बैठ गए।
संसद के सोमवार से शुरू हो रहे नए सत्र में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन मुद्दे के हावी रहने की पूरी संभावना है। लोकसभा अध्यक्ष द्वारा आज बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने स्पष्ट कहा कि वह इस मुद्दे पर चर्चा की मांग करेगी वहीं सरकार ने दावा किया कि मामले के उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण इस पर चर्चा नहीं कराई जा सकती।
उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन अब 27 अप्रैल तक लगा रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के कल के आदेश पर रोक लगा दी है।
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राष्ट्रपति शासन को चुनौती देने वाली हरीश रावत की याचिका स्वीकार कर ली। उच्च न्यायालय ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के विपरीत उत्तराखंड में धारा 356 लागू किया गया।
मोदी सरकार को एक बड़ा झटका देते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की केंद्र की घोषणा को आज निरस्त करते हुए हरीश रावत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को बहाल कर दिया। अदलत ने रावत को 29 अप्रैल को सदन अपना बहुमत साबित करने को कहा है। फैसले पर खुशी जताते हुए राज्य के अपदस्थ मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि वह इस फैसले का स्वागत करते हैं और राज्य के विकास के लिए सब कुछ भूलकर केंद्र के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं।