बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरूख खान और अक्षय कुमार विश्व के उन सिलेब्रिटी में शामिल हैं, जिन्होंने वर्ष 2016 में सर्वाधिक कमाई की। फोर्ब्स द्वारा जारी इस सूची में शीर्ष पर अमेरिकी गायिका टेलर स्विफ्ट हैं जिनकी कमाई 17 करोड़ डॉलर रही।
दुनिया के नंबर एक टेनिस खिलाड़ी सर्बिया के नोवाक जोकोविच फ्रेंच ओपन के क्वार्टरफाइनल में पहुंचने के साथ ही दस करोड़ डॉलर की कमाई करने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं। जोकोविच ने स्पेन के रॉबर्टो बतिस्ता अगट को बारिश से बाधित मैच में 3-6, 6-4, 6-1, 7-5 से हराकर क्वार्टरफाइनल में जगह बना ली। जोकोविच को क्वार्टरफाइनल में पहुंचने पर तीन लाख 26 हजार 722 डॉलर मिलेंगे, जिससे वह दस करोड़ डॉलर का आंकड़ा पार कर गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई में डांस बार को इजाजत दी है। लेकिन महाराष्ट्र सरकार कड़े कानून ले आई है। इस कानून की आड़ में किसके हो रहे हैं पौ-बारह। मुंबई समेत महाराष्ट्र में डांस बार से पाबंदी हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अरसा बीत चुका है। लेकिन कानूनी तरीके से मुंबई में डांस बार अब तक शुरू नहीं हो पाए हैं।
केबीसी की कमाई से संबंधित 15 साल पुराने आयकर मामले में बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन फंसते नजर आ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इनकम टैक्स विभाग को अमिताभ से जुड़े इस केस को दोबारा खोलने की इजाजत दे दी है
सरकार ने सोने के आभूषणों पर लगाए गए एक प्रतिशत के उत्पाद शुल्क को हटाने से इंकार कर दिया है। गुरुवार को सरकार ने कहा कि विलासिता की वस्तुओं को अनिश्चितकाल के लिए कर दायरे से बाहर नहीं रखा जा सकता।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि दिल्ली सरकार को पहले सोने पर मूल्यवर्धित कर (वैट) समाप्त करना चाहिए।
पुरानी कहावत है कि अति किसी भी चीज की बुरी होती है और वह चीज यदि शराब हो तो फिर भगवान ही मालिक है। कहते हैं यह ऐसी शै है जो किसी को आपका सगा नहीं रहने देती, फिर चाहे आप शराब पीते हों या बेचते हों, कोई फर्क नहीं पड़ता। विजय माल्या इस देश में घर-घर पहचाना नाम हैं क्योंकि उनके पिता द्वारा बनाई गई और खुद उनके द्वारा बेहिसाब तरीके से फैलाई गई कंपनी ने इस देश में शराब के उत्पादन और बिक्री के अगले-पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले।
विजय पताका लिए सेनापति दो वर्षों की अवधि में तीन सेनाओं के नेतृत्व का दावा कर रहे हैं। ऐसा चमत्कार तो रामायण-महाभारत काल या विक्रमादित्य और सम्राट अशोक के शासनकाल के युद्ध में भी पढ़ने-सुनने को नहीं मिलता। भारतीय लोकतंत्र में नेहरू-इंदिरा गांधी-राजीव गांधी, नरसिंह राव, अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में सत्ता और संगठन के साथ विचारधाराओं के आधार पर जन समर्थन की सफलता-विफलता देखने को मिली। राव-मनमोहन राज और अटलजी की सत्ता के अंतिम दौर में ‘शाइनिंग इंडिया’ से जुड़ी राजनीतिक टीम और पर्दे के पीछे मोटी रकम देकर सर्वेक्षणों एवं विज्ञापनों की एजेंसियों की सहायता ली गई। लेकिन मोदी युग में समानान्तर राजनीतिक सत्ता का एक नया केन्द्र उभरकर आया। भाजपा, आर.एस.एस. एवं इससे संबद्ध विभिन्न संगठनों, स्वामी रामदेव के लाखों समर्थकों, नए-पुराने नेताओं के धुआंधार प्रचार के बावजूद मोदी-भाजपा की सफलता का श्रेय ‘राजनीतिक प्रचार प्रबंधक’ प्रशांत किशोर ने लिया।
भाजपा सरकार दस कदम आगे बढ़ने के साथ शीर्षासन के अंदाज में दो कदम पीछे हटने की कोशिश में संतुलन खो देती है। बजट को ‘सूट-बूट’ की छवि से निकालने के लिए ग्रामोन्मुख रखा गया, लेकिन वेतनभोगी कर्मचारियों और मजदूरों की खून-पसीने की कमाई की बचत भविष्य निधि के एक हिस्से पर टैक्स का प्रस्ताव रखकर गड़बड़ा गई है।