संसद और उसके बाहर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को निशाना बनाने के बाद भाजपा ने अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राॅबर्ट वाड्रा पर बंदूकें तान दी हैं।
सौर मंडल में 10 साल बाद एक दुर्लभ खगोलीय घटना का संयोग बन रहा है। नौ मई को सूर्य के सामने बुध ग्रह एक काले बिंदु की तरह गुजरता दिखाई देगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह एक ऐसा अद्भुत नजारा होगा जो नई पीढ़ी खासकर स्कूल एवं कालेज के छात्रों की खगोल जगत के संबंध में कौतुहल को दूर करने के साथ ही उन्हें सौर मंडल की आकाशीय घटना से रूबरू कराएगा।
बिहार में तीन करोड़ रुपए का सौर ऊर्जा घोटाला सामने आया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आधिकारिक आवास और उनके जनता दरबार समेत अन्य सरकारी दफ्तरों में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने और लाइटें लगाने का प्रस्ताव 2011 में केन्द्र सरकार ने दिया था। बिहार सरकार के `बिहार रीन्यूवेबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी’ (ब्रेडा) ने अनुमानित लागत से ज्यादा पर सौर ऊर्जा का प्लांट और अन्य उपकरण लगवाए। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने भी इस प्रोजेक्ट की लागत पर उंगली उठाई।
पिछले दिनों जेएनयू में आयोजित एक विवादित कार्यक्रम और उसमें कथित तौर पर संसद हमले के दोषी अफजल गुरु के समर्थन में की गई नारेबाजी के मामले में कुछ छात्रों को सजा देने के मुद्दे पर जेएनयू ने कानूनी राय मांगी है। कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी नारे भी लगाए गए थे।
भाजपा और संघ से जुड़े वकीलों की सरकार से शिकायत है कि सरकार बदल गई लेकिन केंद्र सरकार के अधीन दिल्ली विकास प्राधिकरण और कुछ सार्वजनिक उपक्रमों में वकीलों का पैनल नहीं बदला।
अमेरिका की शिकायत पर विश्व व्यापार संगठन ने इस मिशन में भारतीय सोलर सेलों के इस्तेमाल को अनुचित व्यापार बताया, इस पर रोक का निर्णय सुनाया, सरकार और संगठनों ने किया विरोध
दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दोस्त बराक के स्वागत-सत्कार और समझौतों के साथ जयकार कराते हैं और वाशिंगटन में बराक ओबामा प्रशासन भारत के सौर ऊर्जा मिशन के तहत हजारों गांवों में रोशनी देने वाले कार्यक्रम को रोकने के लिए विश्व व्यापार संगठन में मामला दर्ज कर देता है।
भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) की शुक्रवार को यहां होने वाली आमसभा की खास बैठक में उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त लोढ़ा समिति की सिफारिशों पर चर्चा की जाएगी जिसने बोर्ड के ढांचे में आमूलचूल बदलाव की सिफारिश की है।
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के शिक्षकों ने परिसर में कथित राष्ट्रविरोधी नारे लगाने के मामले की जांच में विश्वविद्यालय जांच पैनल के दायरे पर सवाल उठाया है तथा उच्चस्तरीय समिति में और अधिक सदस्यों को शामिल करने की मांग की है।