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Search Result : "स्वयंसेवक संघ"

संघ से जुड़े संगठन की मंशा, अंग्रेजी को दबा मातृ भाषा पर दिया जाए जोर

संघ से जुड़े संगठन की मंशा, अंग्रेजी को दबा मातृ भाषा पर दिया जाए जोर

आरएसएस से जुड़े संगठन शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की मंशा है कि स्कूलों में उच्च शिक्षा तक मातृ भाषा में ही बच्चों को सभी निर्देश दिए जाएं। न्‍यास ने नई शिक्षा नीति की सिफारिश में इस तरह की इच्‍छा व्‍यक्‍त की है। सिफारिश मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजी गई है। संगठन चाहता है कि जल्द लागू होने वाली नई शिक्षा नीति में उसकी सिफारिशों पर गौर करते हुए अंग्रेजी की जगह मातृ भाषा को बढ़ावा जाए।
बीसीसीआई को कोर्ट का तगड़ा झटका, राज्‍य संघों के साथ पैसों के लेन-देन पर रोक

बीसीसीआई को कोर्ट का तगड़ा झटका, राज्‍य संघों के साथ पैसों के लेन-देन पर रोक

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड बीसीसीआई का सुप्रीम कोर्ट से अब बच पाना मुश्किल है। शीर्ष अदालत ने बीसीसीआई को उसकी मान्य ईकाइयों यानी राज्‍य संघोंं में जस्टिस लोढ़ा समिति की सिफारिशें के अनुसार सुधार लागू करने को लेकर शुक्रवार को तगड़ा झटका दिया है। शीर्ष कोर्ट ने बीसीसीआई और स्‍टेट एसोसिएशन्‍स के बीच पैसे के लेन-देन पर रोक लगा दी है।
सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय संघ को देना सेना का अपमान: मायावती

सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय संघ को देना सेना का अपमान: मायावती

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) मुखिया मायावती ने सेना द्वारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय कथित रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को देने वाले रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर के बयान को सेना का अपमान करार दिया है।
एंटोनियो गुटेरेस कल औपचारिक रूप से चुने जाएंगे संयुक्त राष्ट्र महासचिव

एंटोनियो गुटेरेस कल औपचारिक रूप से चुने जाएंगे संयुक्त राष्ट्र महासचिव

संयुक्त राष्ट्र महासभा में कल पुर्तगाल के पूर्व प्रधानमंत्री एंटोनियो गुटेरेस को औपचारिक तौर पर वैश्विक संस्था का अगला महासचिव नियुक्त किया जाएगा। गुटेरेस वर्तमान महासचिव बान की मून की जगह लेंगे।
92 साल बाद संघ का गणवेश बदला, अब निकर नहीं फुल पेंट पहनेंगे

92 साल बाद संघ का गणवेश बदला, अब निकर नहीं फुल पेंट पहनेंगे

स्‍थापना के 92 साल बाद राष्ट्रीय स्वसंयवेक संघ का गणवेश बदल गया है। संघ के स्वयंसेवक अब निकर की बजाय फुल पेंट पहनेंगे। मंगलवार को विजयादशमी के मौके पर आयेाजित समारोह में खाकी निकर की बजाय ब्राउन फुल पैंट में सदस्‍यों ने मार्च किया। नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में समारोह में संघ प्रमुख मोहन भागवत, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी शामिल हुए।
अभिनव गुप्त के बिना कश्मीरियत अधूरी : मोहन भागवत

अभिनव गुप्त के बिना कश्मीरियत अधूरी : मोहन भागवत

आज राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का 91वां स्थापना दिवस खास है। पहली बार संघ प्रमुख के साथ स्वयंसेवक नए गणवेश में दिखे और हाल ही में हुई सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर एक अलग तरह का उत्साह था। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत ने अपने सालाना संबोधन में संघ के बड़े नेता दीनदयाल उपाध्याय से लेकर स्वामी विवेकानंद तक और कश्मीर से लेकर पाकिस्तान तक की बात की।
लालू ने संघ के पहनावे में बदलाव का श्रेय राबड़ी को दिया

लालू ने संघ के पहनावे में बदलाव का श्रेय राबड़ी को दिया

राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने आरएसएस कार्यकर्ताओं द्वारा हाफ पैंट छोड़कर पतलून अपनाए जाने का श्रेय आज अपनी पत्नी राबड़ी देवी को दिया।
केरल: राजनीतिक हिंसा जारी, कन्नूर में माकपा कार्यकर्ता की हत्या

केरल: राजनीतिक हिंसा जारी, कन्नूर में माकपा कार्यकर्ता की हत्या

केरल के कन्नूर जिले में सोमवार को सत्ताधारी पार्टी सीपीएम के एक कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई। इस वारदात के पीछे कथित तौर पर राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं का हाथ बताया जा रहा है।
केंद्र सरकार ने कर्मचारी संघों को चेताया, नीतियों की आलोचना पर होगी कार्रवाई

केंद्र सरकार ने कर्मचारी संघों को चेताया, नीतियों की आलोचना पर होगी कार्रवाई

केंद्र सरकार ने अपने ही कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि सरकार या उसकी नीतियों की आलोचना करने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
दीनदयाल दर्शन की एक चाभी संघ, एक भाजपा के पास

दीनदयाल दर्शन की एक चाभी संघ, एक भाजपा के पास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस के सरकार्यवाह भय्याजी जोशी ने आज दिल्ली के विज्ञान भवन में दीनदयाल उपाध्याय वाड्मय (15 खंड) का विमोचन किया। आम विमोचन से अलग इस समरोह में पुस्तकें सुनहरे वर्क में लिपटी हुई अतिथियों के हाथों में नहीं थीं। समारोह में दीनदयाल उपाध्याया वाड्मय के 15खंड एक बक्से में रख थे जिसके दो कपाटों पर ताला लगा था। एक कपाट पर लगा ताला मोदी ने खोला जबकि दूसरी ओर का भय्याजी जोशी ने। आज के कार्यक्रम का यही सबसे बड़ा संदेश था, जिसके निहितार्थ बहुत कुछ समझे जा सकते हैं।
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