भारत का पहला हेलिपोर्ट अगले सप्ताह से काम करने लगेगा। एक साल पहले उसका सफल परीक्षण किया गया था। इसका निर्माण राजधानी के उत्तरी हिस्से में सरकारी स्वामित्व वाले पवन हंस ने किया है।
हर साल की तरह इस साल भी हंस की सालाना गोष्ठी दिल्ली के एवाने गालिब सभागार में हुई। प्रेमचंद जयंती पर होने वाली गोष्ठी में इस बार का विषय था, लोकतंत्र और राष्ट्रवाद में मीडिया की भूमिका।
संस्कृत में एमए के बाद बीएड। साहित्यिक अभिरुचियों के चलते कहानी लेखन की ओर झुकाव। पहली कहानी हंस में प्रकाशित। इसके बाद विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में कहानियां और लेख प्रकाशित। कृष्ण बिहारी के संपादन में आबूधाबी से निकलने वाली पहली हिंदी पत्रिका निकट में कार्यकारी संपादक। लखनऊ में निवास।
प्रकृति करगेती की यह पहली कहानी है। इसी कहानी पर उन्हें प्रतिष्ठित राजेन्द्र यादव हंस कथा सम्मान मिला है। दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में स्नातक प्रकृति मुंबई में नेटवर्क 18में प्रोमो प्रोड्यूसर के पद पर काम करती हैं। कहानी लिखने से पहले प्रकृति कविताएं लिखती रही हैं। पहाड़ों के नाम लिखी गई उनकी कविताएं कई प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं।
पिछले चार दिन से लापता पवन हंस के हेलीकॉप्टर का मलबा सोमवार सुबह अरुणाचल प्रदेश के तिरप जिले में थिनसा और सांगलियन गांवों के बीच मिल गया, लेकिन इसमें सवार एक उपायुक्त सहित तीन लोगों के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है।