अपनी तीन दिवसीय ब्रिटेन यात्रा संपन्न कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को तुर्की के लिए रवाना हो गए। प्रधानमंत्री तुर्की में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
यह पहला मौका था कि किसी अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रीय राजधानी के बजाय जयपुर को चुना गया था। इस सम्मेलन मे भाग लेने के लिए 14 देशों के राष्ट्राध्यक्ष पहले ही जयपुर पहुंच चुके है।
फोर्ब्स एशिया पत्रिका ने एशिया के 50 सबसे अमीर परिवारों में भारत के तीन परिवारों को शुमार किया है। गुरुवार को जारी इस सूची में दक्षिण कोरिया का ली परिवार है जिसका सबसे लोकप्रिय ब्रांड सैमसंग पर स्वामित्व है। इस सूची में रिलायंस का मालिक अंबानी परिवार और विप्रो का मालिक अजीम प्रेमजी सबसे अमीर भारतीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं।
प्रवासी वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को अमेरिका भेजने वाले एशियाई देशों में भारत शीर्ष स्थान पर है। एशिया से अमेरिका जाने वाले वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की कुल 29.6 लाख की आबादी में से 9.5 लाख लोग अकेले भारत के हैं। यह जानकारी एक नई रिपोर्ट में दी गई है।
बेंगलुरू में भारत-जर्मनी व्यवसायी सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने अपने-अपने देश मे निवेश के लिए उद्योग जगत का आह्वान किया।
भारत, अमेरिका और जापान के बीच बुधवार विदेश मंत्री स्तर की पहली बैठक होगी जो एशिया प्रशांत क्षेत्र की तीन शक्तियों की गोलबंदी प्रतिबिंबित करती है जबकि अधिकारियों का कहना है कि इसका लक्ष्य क्षेत्र में शांति, समृद्धि और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी और जापानी विदेश मंत्री फुमियो किशीदा संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र से इतर मिलेंगे।
अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि विश्व स्वास्थ संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के अनुसार, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से जो छात्र डाॅक्टर बनकर निकल रहे हैं, उसमें से 54 प्रतिशत डाॅक्टर विदेश चले जाते हैं और लौटकर भारत नहीं आते। रिपोर्ट यह भी कहती है कि हिन्दी माध्यम से स्कूल की पढ़ाई अच्छे अंकों से उत्तीर्ण करने वाले छात्र जब एम्स जैसी संस्था में पढ़ने जाते हैं, तो भाषाई स्तर पर पिछड़ने की वजह से उनमें से कई तो आत्महत्या तक कर लेते हैं। यही वजह है कि अब एमबीबीएस की परीक्षा हिंदी में कराने की मुहिम तेज हो गई है।
झीलों के शहर से हिंदी की सुरलहरी की अनुगूंज विश्व भर में गूंजी। देश-विदेश से आए लोग इस दिवस का हासिल है। साक्षीजनों के बीच से जो संदेश निकलकर आया, उसके अर्थ और निमित्त बहुत ही दूरगामी है।