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अश्विन बोले, 24 अप्रैल को भारतीय क्रिकेट दिवस घोषित कर देना चाहिये

अश्विन बोले, 24 अप्रैल को भारतीय क्रिकेट दिवस घोषित कर देना चाहिये

क्रिकेट के बेताज बादशाह सचिन तेंदुलकर 24 अप्रैल को 44 बरस के हो गए और दुनिया भर से उन्हें बधाई का सिलसिला जारी रहा। तेंदुलकर की पूर्व आईपीएल टीम मुंबई इंडियंस सोमवार शाम उनके जन्मदिन का जश्न मनायेगी।
क्या वाकई राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री सिर्फ हिंदी में देंगे भाषण? जानिए पूरा सच

क्या वाकई राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री सिर्फ हिंदी में देंगे भाषण? जानिए पूरा सच

राजभाषा पर बनी संसदीय समिति की 9वीं रिपोर्ट की ज्यादातर सिफारिशें राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने मान ली हैं। लेकिन इन सिफारिशों को जिस तरह प्रचारित किया जा रहा है, उससे हिंदी का भला कम, नुकसान ज्यादा हो सकता है। भाषाई वर्चस्व के जिन आरोपों से उबरने में हिंदी को कई दशक लगे, ऐसे खबरेें उन्हें फिर से जिंदा कर सकती हैं।
‘बेगम जान’ के सामने बंगाली जादू को हिंदी में उतारने की चुनौती

‘बेगम जान’ के सामने बंगाली जादू को हिंदी में उतारने की चुनौती

भारतीय हिन्दी फिल्म निर्माता और निर्देशक महेश और मुकेश भट्ट ने इस बार श्रीजीत मुखर्जी को उन्हीं की फिल्म 'राजकहिनी' हिंदी में बनाने की जिम्मेदारी दी थी, जो उन्होंने ‘बेगम जान’ बनाकर पूरी कर ली है। बांग्ला भाषा में बनी फिल्म ‘राजकाहिनी’ वर्ष 2015 में रिलीज हुई थी। हिंदी सिनेमा ने इससे पहले भी कई भारतीय भाषाओं की हिट फिल्मों का रिमेक किया है।
यतीन्द्र मिश्र को मिलेगा ‘स्वर्ण कमल’ सम्मान

यतीन्द्र मिश्र को मिलेगा ‘स्वर्ण कमल’ सम्मान

भारत सरकार के फिल्म समारोह निदेशालय ने यतीन्द्र मिश्र को ‘स्वर्ण कमल’ सम्मान से नवाजने का निर्णय लिया है। हिंदी कवि, संपादक और संगीत अध्येता मिश्र को यह सम्‍मान देने की घोषणा बीते सात अप्रैल को की गई।
‘गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मुहैया करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही सरकार’

‘गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मुहैया करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही सरकार’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर कहा कि उनकी सरकार गुणवत्तापूर्ण एवं किफायती स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही।
विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष - मलावी की रंजकहीनता विकास को एक चुनौती

विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विशेष - मलावी की रंजकहीनता विकास को एक चुनौती

विश्व स्वास्थ्य संगठन 7 अप्रैल को ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ मनाता है। ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ के मौके पर अगर हम विभिन्न देशों के विकास, रहन-सहन और सेहत पर कोई टिप्पणी करें तो उसमें हमें मलावी की रंजकहीनता पर जरुर कुछ जानने की जरुरत है। कैसे यह देश रंजकहीनता की त्रासदी झेल रहा है। विकास के ढेकेदार आधुनिकता के लाख दावे कर लें पर अभी भी इस जहां में कितने लोग ऐसे हैं जो एक सामान्य जीवन को पाने को तरस रहे हैं। पिछले कई सालों में देश-विदेश हर जगह कई ऐसी बीमारियों के बारे में सुनने को मिला, जिसका नाम हमने पहले कभी नहीं सुना था जैसे इबोला, चिकनगुनिया, बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू आदि। इन बीमारियों ने देश-विदेश हर जगह लोगों के बीच अपना पांव पसार लिया है। इन बीमारियों से ग्रसित लोगों की परेशानियों और मृत्यु दर के आंकड़ों को देखकर यह अनुमान लगाया गया कि ये रोग कितने घातक साबित हो रहे हैं। ऐसी बीमारियों से पीड़ित लोग इनके बारे में पूरी जानकारी न होने के कारण या फिर गलत इलाज होने के कारण अपनी जान गंवा बैठते हैं। ऐसा कहा जाना गलत न होगा कि कुछ देशों की खुशहाली पूरे दुनिया की रौनक नहीं कही जा सकती। आज भी कहीं-कहीं मानव समाज में गरीबी, भूख, कुपोषण का घनघोर अंधेरा व्याप्त है। इसी बानगी में आप मलावी की रंजकहीनता को जानेंगे तो आपको निराशा होगी।
'हम लगातार भारत, गरीब और पिछड़ों की सेवा करते रहेंगे'

'हम लगातार भारत, गरीब और पिछड़ों की सेवा करते रहेंगे'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भाजपा के 37वें स्थापना दिवस पर भाजपा कार्यकर्ताओं को बधाई दी और पार्टी कार्यकर्ताओं को सेवा भाव से काम करने का मंत्र भी दिया । इस खास अवसर पर पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भाजपा कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया। इस बार यूपी में भाजपा की शानदार जीत के बाद स्थापना दिवस और खास बन गया है।
महागठबंधन में दरार, बिहार दिवस कार्यक्रम से दूर लालू और तेजस्वी

महागठबंधन में दरार, बिहार दिवस कार्यक्रम से दूर लालू और तेजस्वी

बिहार दिवस आयोजन के लिए सरकार की ओर से छापे गए निमंत्रण पत्र से उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का नाम गायब रहने पर राजद विधायकों और नेताओं ने विरोध जताया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले महागठबंधन के बीच मेलमिलाप की कमी को दर्शाने वाला विरोध जताए जाने का यह दूसरा अवसर देखने को मिला।
मैथिली भाषा का मूल ‘मुंडा’ भाषा में है- सीताकांत महापात्र

मैथिली भाषा का मूल ‘मुंडा’ भाषा में है- सीताकांत महापात्र

साहित्य अकादेमी स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में प्रस्तुत ‘प्राचीन भारतीय साहित्य में प्रेम और प्रार्थना’ विषयक व्याख्यान में कवि-भाषाविद् एवं अकादेमी के महत्तर सदस्य सीताकांत महापात्र ने पूर्वोत्तर भारत के छः आदिवासी भाषा समूह - संथाल, उराव, मुंडा, कोंड आदि के आधार पर कहा कि प्रतीकों से सजी सबसे बेहतर भाषा इनके गीतों में देखी जा सकती है। कहा कि भोजपुरी के बाद सबसे प्रचलित भाषा मैथिली का मूल मुंडा भाषा में निहित है।
साहित्य अकादमी में महिला दिवस

साहित्य अकादमी में महिला दिवस

साहित्य अकादमी, दिल्ली ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर संवाद और कवयित्री सम्मेलन आयोजित कर मनाया। इस मौके पर चर्चित लेखिका चित्रा मुद्गल ने कहा ने स्त्री लेखन और देह विमर्श के मौजूं सवालों को उठाया।
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