पाकिस्तान ने शिवसेना, आरएसएस और विश्व हिंदूू परिषद को आतंकी संगठन करार दिया है। भारत ने इसका विरोध तो किया है लेकिन पाक के इरादे पर इसका कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा। और तो आैैर पाक ने मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने में असफल रहने पर भारत की कूटनीति की मजाक भी उड़ाया है।
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के वरिष्ठ नेता प्रवीण तोगडि़या ने आज नागपुर में कहा कि वे हिंदुओं के लिए एक संरक्षण योजना लेकर आएंगे ताकि देश में उत्पीड़न से उन्हें रक्षा प्रदान की जा सके।
लश्कर-ए-तैयबा पर नकेल कसते हुए अमेरिका ने आज पाकिस्तान आधारित इस आतंकी समूह की छात्र इकाई अल-मुहम्मदिया स्टूडेंट्स को एक आतंकवादी संगठन घोषित किया और इसके दो शीर्ष नेताओं पर प्रतिबंध लगाया।
संस्थापक पं. जगतराम आर्य की जयंती/स्थापना-दिवस पर हुई किताबघर प्रकाशन की संगोष्ठी में वक्ताओं ने अपना देश और मीडिया विषय पर जोरदार बहस की। ‘सवाल’ को ले कर ‘हल्का बवाल’ भी हुआ। पांडुलिपि पर दिया जाने वाला आर्य स्मृति सम्मान इस बार नहीं दिया जा सका।
ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती ने हिंदुओं से आह्वान किया कि वे दस बच्चे पैदा करें और अपने समुदाय की संख्या को बढ़ाएं। नागपुर में आरएसएस के समर्थन से संपन्न तीन दिवसीय धर्म संस्कृति महाकुंभ में संत समाज ने एक राष्ट्रीय जनसंख्या नीति बनाने और गौहत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक केंद्रीय कानून बनाने का भी आह्वान किया। इस दौरान मंच पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी उपस्थित थे।
विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महासचिव डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया ने कहा है कि नोटबंदी से गरीबों के हितों को भारी चोट पहुंची है। उन्होंने कहा कि इसका कारण यह है कि गरीबों की पहुंच अभी तक डिजिटल दुनिया तक नही हुई है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े संगठन लघु उद्योग भारती ने भी माना है कि नोटबंदी के बाद समूचे देश में छोटे व्यापारी की हालात खराब है। उनके हाथ से कारोबार जा रहा है। वेतन न दे पाने की स्थिति में कर्मचारी नौकरी छोड़कर भाग रहे हैं। सरकार चाहती है कि छोटे कारोबारी रातोंरात कैशलेस पद्धति को फॉलो करें, यह उनके लिए मुश्किल है। नोटबंदी के चलते लघु उद्योगों का उत्पादन 40 से 50 फीसदी कम हो गया है।
प्यू रिसर्च सेंटर के ताजा सर्वे में कहा गया है कि दुनिया के बड़े धार्मिक समुदायों में से हिंदुओं की शिक्षा हासिल करने का स्तर सबसे कम है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार हाल के दशक में काफी शैक्षणिक उपलब्धियां हासिल करने के बावजूद हिंदू सबसे कम पढ़े-लिखे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) के अध्ययन ने साबित कर दिया है कि मोतियाबिंद के बाद अनकरेक्टेड रिफ्रैक्टिव एरर (यूआरई) दूसरा सबसे बड़ा कारण है जो विकासशील देशों मेंअंधेपन का कारण है। यूआरई आंखों की बीमारी का सबसे प्रचलित रूप है। यह तब होता है जब आंखें किसी खास तस्वीर पर फोकस नहीं कर पाती हैं। यूआरई की वजह से दृष्टि धुंधली हो जाती है और कभी-कभार इतनी गंभीर हो जाती है कि बुरी तरह प्रभावित हो जाती है।