जम्मू-कश्मीर सरकार ने बुधवार को कहा कि झेलम नदी में जलस्तर अब घट रहा है। इससे पहले संगम और राम मुंशी बाग इलाके में इस नदी का जलस्तर बाढ़ के स्तर को छू गया था। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, संगम और राम मुंशी बाग इलाके में पानी का स्तर बाढ़ के स्तर को छूने के बाद से झेलम नदी में जल स्तर निरंतर कम हो रहा है।
जम्मू के कुछ हिस्सों और घाटी के कई स्थानों में मूसलाधार वर्षा के कारण भूस्खलन से मारे गए छह अन्य लोगों के शव मंगलवार को बरामद किए गए और इसके साथ ही जम्मू कश्मीर में वर्षा और बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या बढकर 16 हो गई है।
कश्मीर घाटी में पिछले 24 घंटों में बारिश नहीं होने से बाढ का खतरा कम हो गया है और झेलम नदी के जलस्तर में गिरावट आई है। नदी में पानी बाढ़ के स्तर से नीचे बह रहा है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के संगम में झेलम का जलस्तर 16.45 फुट है जो कि 24 घंटे पहले के 22.80 फुट के जलस्तर की तुलना में छह फुट कम है। उन्होंने बताया कि शहर के राममुंशी बाग में भी जलस्तर में डेढ फुट से अधिक की गिरावट आई है और जलस्तर के दिन में और गिरने की उम्मीद है। हालांकि आसमान में बादल छाए हुए हैं लेकिन पिछले 24 घंटों में ताजा बारिश नहीं हुई है जिससे शहर में बाढ़ आने की चिंता कम हुई है।
विपक्षी नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के सदस्यों ने सरकार पर घाटी में बाढ की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर राहत अभियानों में अनावश्यक विलंब करने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को विधानसभा के बहिर्गमन कर दिया।
भारी बारिश के कारण श्रीनगर और दक्षिण कश्मीर के संगम इलाके में सोमवार को झेलम नदी में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंचने के कारण आपात उपायों के तहत एनडीआरएफ की 100 सुरक्षाकर्मियों की दो टीमों को जम्मू कश्मीर के लिए रवाना किया गया है। इस बीच राज्य सरकार ने कश्मीर में बाढ़ की घोषणा कर दी है। कश्मीर घाटी पिछले वर्ष भीषण बाढ़ झेल चुकी है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए उत्तराखंड ने अपने आर्थिक विकास से जो समझौता किया है उसकी अवश्य भरपाई की जानी चाहिए। गुरूवार को नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले कार्यक्रम नमामि गंगे में रावत ने कहा कि भागीरथी इको सेंसिटिव जोन की घोषणा ने लगभग दो मेगावाट से अधिक की क्षमता की परियोजनाओं को बाधित कर दिया।
जिला मंडी से जंजैहली बस स्टैंड तक की दूरी लगभग 86 किलोमीटर है। किसी भी निजी वाहन या बस द्वारा यहां पहुंचा जा सकता है। रास्ते में चैलचौक, कांढा, बगस्याड तथा थुनाग आदि छोटे-छोटे स्टेशन आते हैं।