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...और डॉ. कलाम मंगलयान प्रक्षेपण के साक्षी बनते-बनते रह गए

...और डॉ. कलाम मंगलयान प्रक्षेपण के साक्षी बनते-बनते रह गए

पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम मंगलयान प्रक्षेपण के गवाह बनना चाहते थे, लेकिन प्रक्षेपण तिथि 24 सितंबर, 2014 के ठीक एक दिन पहले उनकी बिलकुल इच्छा न होने के बावजूद उन्हें बेंगलुरू से बाहर जाना पड़ा।
भारत ने पृथ्वी 2 मिसाइलों का दोहरा सफल प्रक्षेपण किया

भारत ने पृथ्वी 2 मिसाइलों का दोहरा सफल प्रक्षेपण किया

भारत ने परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम स्वदेशी पृथ्वी 2 मिसाइलों का आज एक के बाद एक त्वरित गति से दो बार सफल प्रक्षेपण किया। सेना ने यह परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर स्थित परीक्षण रेंज से किया। रक्षा सूत्रों ने बताया कि एकीकृत प्रक्षेपण रेंज (आईटीआर) के तृतीय परिसर के एक मोबाइल लांचर से सुबह करीब नौ बजकर 35 मिनट पर सतह से सतह पर मार करने वाली दो मिसाइलों का एक के बाद एक त्वरित गति से सफल परीक्षण किया गया। इन मिसाइलों की मारक क्षमता 350 किलोमीटर है और वे 500 किलोग्राम से 1000 किलोग्राम तक वजनी आयुध ले जाने में सक्षम है।
जीसैट 18 सफलतापूर्वक प्रक्षेपित, पीएम मोदी ने इसरो को दी बधाई

जीसैट 18 सफलतापूर्वक प्रक्षेपित, पीएम मोदी ने इसरो को दी बधाई

भारत के नवीनतम संचार उपग्रह जीसैट 18 का फ्रेंच गुयाना में कोउरू के अंतरिक्ष केंद्र से एरियनस्पेस राॅकेट के जरिए गुरुवार को सफल प्रक्षेपण किया गया। यह प्रक्षेपण पहले बुधवार को किया जाना था लेकिन कोउरू में मौसम खराब होेने के कारण इसे 24 घंटे के लिए टाल दिया गया था। कोउरू दक्षिणी अमेरिका के पूर्वाेत्तर तट स्थित एक फ्रांसीसी क्षेत्र है। पीएम मोदी ने इसरो को इस ऐतिहासिक सफलता पर बधाई दी है। मोदी ने सफल प्रक्षेपण को देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम का दूसरा मील का पत्थर बताते हुये वैज्ञानिको की सराहना की।
पीएसएलवी ने स्कैटसैट-। और सात अन्य उपग्रह कक्षा में स्थापित किए

पीएसएलवी ने स्कैटसैट-। और सात अन्य उपग्रह कक्षा में स्थापित किए

अपने अब तक के सबसे लंबे अभियान के तहत भारत के सबसे अहम प्रक्षेपणयान पीएसएलवी ने सोमवार को आठ उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण करने के बाद उन्हें दो अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित कर दिया। इन आठ उपग्रहों में भारत का एक मौसम उपग्रह स्कैटसैट-। और अन्य देशों के पांच उपग्रह भी शामिल हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस ए‍ेतिहासिक सफलता पर इसरो को बधाई दी है।
इसरो ने रचा इतिहास, स्क्रैमजेट इंजन का सफल परीक्षण

इसरो ने रचा इतिहास, स्क्रैमजेट इंजन का सफल परीक्षण

भारत ने स्क्रैमजेट इंजन का सफल परीक्षण करते हुए रविवार को इतिहास रच दिया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसरो का यह मिशन सफल रहा। इस दौरान दो स्क्रैमजेट इंजनों का परीक्षण किया गया।
इसरो का कमाल, अब हम अपना स्पेस शटल अंतरिक्ष में भेज सकेंगे

इसरो का कमाल, अब हम अपना स्पेस शटल अंतरिक्ष में भेज सकेंगे

भारत ने सोमवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से पहली बार स्वदेशी, पुन: इस्तेमाल किए जा सकने वाला प्रक्षेपण यान (आरएलवी) प्रक्षेपित किया। यह भारत का अपना खुद का अंतरिक्ष यान है। स्वदेशी स्पेस शटल का सफल परीक्षण कर भारत ने अंतरिक्ष में एक और कामयाबी हासिल कर ली।
भारत ने पृथ्वी-दो मिसाइल का सफल प्रक्षेपण किया

भारत ने पृथ्वी-दो मिसाइल का सफल प्रक्षेपण किया

भारत ने आज परमाणु क्षमता संपन्न और स्वदेश में विकसित पृथ्वी-दो मिसाइल का सफल प्रक्षेपण किया। मिसाइल का प्रक्षेपण ओडिशा में चांदीपुर परीक्षण रेंज से किया गया और यह सेना के उपयोग के लिहाज से प्रायोगिक परीक्षण था।
आईआरएनएसएस-1जी के प्रक्षेपण से पूरा हुआ देश का दिशासूचक तंत्र

आईआरएनएसएस-1जी के प्रक्षेपण से पूरा हुआ देश का दिशासूचक तंत्र

भारत ने गुरुवार को आईआरएनएसएस-1जी उपग्रह का सफल प्रक्षेपण किया। इस के साथ ही भारत ने भी अमेरिका के जीपीएस की तर्ज पर क्षेत्रीय दिशासूचक प्रणाली का अपना ऐतिहासिक अभियान पूरा कर लिया।
हाइड्रोजन बम के बाद उत्तर कोरिया ने अंतरिक्ष में दागा राॅकेट

हाइड्रोजन बम के बाद उत्तर कोरिया ने अंतरिक्ष में दागा राॅकेट

उत्तर कोरिया ने रविवार को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय जगत को हैरत में डालते हुए नाराज कर दिया। उत्तर कोरिया ने एक सरकारी समाचार एजेंसी के जरिये ऐलान किया कि उसने रॉकेट प्रक्षेपण के जरिए एक उपग्रह को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर दिया है। उत्तर कोरिया के रॉकेट प्रक्षेपण की निंदा बैलिस्टक मिसाइल के परीक्षण के तौर पर की जा रही है, जिसकी जद में अमेरिका आता है।
पीएसएलवी सी31 का प्रक्षेपण, जीपीएस निर्भरता दूर होगी

पीएसएलवी सी31 का प्रक्षेपण, जीपीएस निर्भरता दूर होगी

अमेरिका आधारित जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) जैसी क्षमता हासिल करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए बुधवार को भारत ने अपने पांचवे दिशासूचक उपग्रह आईआरएनएसएस-।ई का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण कर दिया। भारत ने यह प्रक्षेपण अपने विश्वसनीय पीएसएलवी-सी31 के माध्यम से किया।
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