देश के कई हिस्सों में टमाटर के आसमान छूते दामों ने लोगों को परेशान कर दिया है। इन दिनों जहां टमाटर के दाम 70-80 रुपये प्रति किलो हैं, वहीं एक जगह ऐसी है जहां टमामटर 10 रुपये किलो बिक रहा है।
मोदी सरकार द्वारा देश में नोटबंदी लागू करने के बाद कैशलेस इकॉनमी को प्रचारित किया गया। इस बीच हैरान करने वाला आंकड़ा आया है, जिसके अनुसार नोटबंदी के बाद कार्ड से लेन-देन में सिर्फ 7 फीसदी तक बढ़ोत्तरी हो सकी है।
दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले 28 कालेजों में दिल्ली के छात्रों के लिए 85 फीसदी सीटें आरक्षित होंगी। इन कालेज में 12 सौ फीसदी और 16 कालेज को दिल्ली सरकार फंड के तौर पर काफी हिस्सा देती है। यह प्रस्ताव दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में गुरुवार को पारित कर दिया गया।
शिल्पा शिंदे को कम समय में बहुत लोकप्रियता मिली और वह अपने नाम के बजाय भाभीजी से ज्यादा लोकप्रिय हो गईं। फरवरी 2016 में उन्होंने फीस के विवाद के चलते बढ़िया टीआरपी बटोर रहा धारावाहिक भाभीजी घर पर हैं छोड़ दिया था। अब उन्हें सिने और टीवी आर्टिस्ट असोसिएशन (सीआईएनटीएए) से भी बाहर कर दिया गया है। धारावाहिक भाभी जी से निकलने के बाद वह बिना घर यानी काम की थीं अब तो उन्हें संगठन से भी हाथ धोना पड़ा है।
छत्तीसगढ़ के संवरा जनजाति के कुछ लोग पिछले कुछ दिनों से दिल्ली आकर विभिन्न सांसदों के चक्कर काट रहे हैं, पूछने पर बताते हैं कि हम लोग दशकों से इस तरह भटक रहे हैं, लेकिन हमें अभी तक कोई पायदा नहीं हुआ। दरअसल इनका कहना है कि सौंरा, संवरा, सवरा, सौरा छत्तीसगढ़ की जनजाति है जिन्हें पिछले 2002 से लिपिकीय त्रुटि की वजह से आदिवासी नहीं माना जा रहा है। लिहाजा जनजातियों को मिलने वाले आरक्षण सहित अन्य लाभ से यह समुदाय पूरी तरह वंचित है।
जाट आरक्षण की आग अब हरियाणा से राजधानी दिल्ली पहुंच गई है। 20 मार्च को जाट आरक्षण आंदोलन को को लेकर दिल्ली में धारा 144 लागू कर दी गई है। जिसके बाद दिल्ली में बाहर से आने वाले लोगों को आई-कार्ड दिखाना होगा। इतना ही नहीं रविवार रात 8 बजे के बाद कई मेट्रो स्टेशन बंद भी कर दिए जाएंगे।
वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने मंगलवार को कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 7.1 प्रतिशत की दर से वृद्धि करेगी जबकि अगले दो वित्त वर्ष में यह बढ़कर 7.7 प्रतिशत तक रहेगी।
ऑस्ट्रेलिया के गिरजाघरों में बाल यौन शोषण संबंधी एक जांच के जो आकंड़े सामने आए हैं वह चौंकाने वाले हैं और उनका बचाव नहीं किया जा सकता। इनसे पता चलता है कि वर्ष 1950 से 2010 के बीच सात फीसदी कैथोलिक पादरियों पर बाल शोषण के आरोप लगे थे लेकिन इनकी कभी जांच नहीं की गई।
भाजपा के सहयोगी और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने आरक्षण पर आरएसएस के प्रचार प्रमुख के विवादास्पद बयान पर कड़ी आपत्ति जताई और पूछा कि ऐसे बयान चुनावों के दौरान क्यों दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह का बयान बिहार चुनावों में राजग को महंगा साबित हुआ था।