अन्नाद्रमुक की प्रमुख वीके शशिकला को बुधवार को जेल भेज दिया गया। उन्होंने बेंगलुरु की एक अदालत में आत्मसमर्पण किया। मंगलवार को उच्चतम न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनकी सजा बहाल कर दी थी।
सहारा समूह प्रमुख सुब्रत रॉय को सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को ही नाटकीय घटनाक्रम के बाद अंतरिम राहत मिल गई हैै। अब उन्हें तुरंत जेल जाने की जरुरत नहीं। सरेंडर करने के लिए कोर्ट ने राय को 30 सितंबर तक की मोहलत दे दी है। इससे पहले शुक्रवार को ही कोर्ट ने उन्हें तुरंत जेल भेजे जाने का आदेश दे दिया था।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एचएल दत्तू ने कहा कि झारखंड में सरकारी नौकरी के लिए बेरोजगार युवाओं के उग्रवाद के नाम पर फर्जी सरेंडर का मामला प्रारंभिक जांच में सही पाया गया है। इस संबंध में शिकायत मिलने के बाद आयोग ने अपना जांच दल भेजा था। दल ने फर्जी सरेंडर के आरोप को सही पाया।
वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल अरूप राहा ने कहा है कि पीओक अभी भी हमारी आंखो में चुभता है। राहा ने कहा कि पूर्व की लड़ाईयों में वायुसेना का सही इस्तेमाल किया गया होता तो आज यह हालात नहीं देखने पड़ते।
बांग्लादेश के एक विशेष न्यायाधिकरण ने 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए मुक्ति संग्राम के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध के दोषी पाए गए इस्लामिक कट्टरपंथियों में से तीन को मौत की सजा सुनाई है। पांच अन्य को मृत्यु पर्यंत कैद की सजा सुनाई है।
जानी-मानी भारतीय अभिनेत्री शर्मिला टैगोर, स्लमडॉग मिलेनियर की अभिनेत्री फ्रीडा पिंटो और निर्देशक दीपा मेहता भारतीय मूल की उन हस्तियों में शुमार हैं जिन्हें प्रतिष्ठित अकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेस ने अपना सदस्य बनने के लिए आमंत्रिात किया है।
कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख मोतीउर रहमान निजामी को बीती रात फांसी दे दी गई। मोतीउर रहमान जमात का सबसे बुजुर्ग इस्लामी नेता था, जिसे 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के दौरान किए गए युद्ध अपराधों के लिए फांसी पर लटकाया गया।
केरल के कोल्लम स्थित पुत्तिंगल देवी मंदिर की प्रबंधन समिति के पांच फरार सदस्यों ने आज तड़के आत्मसमर्पण कर दिया। दो अन्य को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। राज्य में किसी मंदिर में हुए अब तक के सबसे भयंकर हादसे में 109 लोगों की जान चली गई।
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में हुए युद्ध में अद्भुद कुशलता का प्रदर्शन कर दुश्मनों को घुटने टेकने पर मजबूर कर देने वाले लेफ्टिनेंट जनरल जे एफ आर जैकब का आज निधन हो गया। लेफ्टिनेंट जनरल जैकब ने युद्ध के बाद ढाका में पकिस्तानी सैनिकों के आत्मसमर्पण का रास्ता हमवार किया था। जैकब को बांग्लादेश की आजादी में अहम भूमिका अदा करने के लिए भी याद किया जाता है।