केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने स्वास्थ्य तथा अन्य कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर कानूनी लड़ाई लड़ने वाली संस्था लॉयर्स कलेक्टिव को विदेशी चंदा संबंधित कानून (एफसीआरए) के उल्लंघन के मामले में नोटिस भेजा है। खास बात यह है कि इस संस्था को मशहूर वकील इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर चलाते हैं जो वर्तमान केंद्र सरकार के खिलाफ कई मामलों की कानूनी पैरवी अतीत में कर चुके हैं।
केंद्र सरकार के सभी विभागों से कहा गया है कि वे आईएएस अधिकारियों से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के लंबित मामलों की मासिक आधार पर समीक्षा करें ताकि उनके खिलाफ जरूरी कार्रवाई को समय पर और उनके सेवानिवृत्त होने से पहले अंतिम रूप दिया जा सके।
शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर एक याचिका के जवाब सरकार ने कहा कि शहीद का दर्जा सशस्त्र बलों के उन कर्मियों को नहीं दिया जाता है जो कर्तव्य के दौरान अपनी जान कुर्बान कर देते हैं, इसलिए यह दर्जा अर्द्धसैनिक बलों को नही दिया जा सकता। सरकार ने इस मामले में दायर याचिका को भी गलत धारणा पर आधारित बताया है।
वैज्ञानिक बिना बैटरी वाला ऐसा आधुनिक पेसमेकर विकसित कर रहे हैं, जिसे खुद वह दिल चार्ज कर सकेगा, जिसमें वह लगाया गया होगा। यह प्रगति दरअसल एक पीजोइलेक्ट्रिक सिस्टम पर आधारित है जो कि छाती के भीतर हर धड़कन पर पैदा होने वाली कंपन ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलने की क्षमता रखता है। इस तरह से पेसमेकर को जरूरी उर्जा उपलब्ध करवाई जा सकती है।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में ठोस कदम उठाते हुए भारत सरकार ने भारतीय वायु सेना के लड़ाकू बल में महिलाओं को शामिल किए जाने की मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय वायु सेना के लड़ाकू दस्ते में महिला पायलटों के पहले बैच का चयन वायु सेना अकादमी के मौजूदा बैच में से किया जाएगा।
भाजपा के लोकसभा सांसद और देश के जाने-माने पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने दिल्ली क्षेत्र के कंपनी रजिस्ट्रार पर आरोप लगाया है कि दिल्ली एवं जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) की वित्तीय अनियमितताओं की जांच के नाम पर कंपनी रजिस्ट्रार एवं उनकी टीम ने लीपापोती की है।
1962 के युद्ध के बाद भारत पर चीन के हमले की आशंका से चिंतित जॉन एफ कैनेडी प्रशासन ने भारत को 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता की योजना बनाई थी, जिसमें हथियार उत्पादन बढ़ाने में मदद के अलावा छह पर्वतीय इकाइयां बनाने जैसे प्रावधान शामिल थे। एक नई किताब में यह खुलासा किया गया है।
घंटों कुर्सी पर बैठ कर काम करने वाले भले ही मजबूरी में बैठते हों या मर्जी से, उनमें एक चिंता बराबर बनी रहती है कि उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। अब यह सोच कर परेशान होने की जरूरत नहीं है।
अपने 10 वर्ष के कार्यकाल में नीतीश कुमार ने छोटे बच्चों में पूर्ण टीकाकरण को 18.6 फीसदी से 70 फीसदी तक पहुंचाने में कामयाबी हासिल की। यह देश के औसत के बराबर है।