हाल ही में भारत में भी इंटरनेट तटस्थता पर ट्राई को पत्र लिखने वाले धनखल, ओडिशा से बीजू जनता दल के सांसद तथागत सत्पथी ने इस विषय पर आउटलुक हिंदी की फीचर संपादक आकांक्षा पारे काशिव से बात की।
एक क्लिक और बेटी को गर्भ में खत्म करने का सॉल्यूशन आपकी स्क्रीन पर। देश-विदेश की कंपनियां खुलेआम अपने उत्पादों को वेब पर बेच रही हैं। बेटियों को गर्भ के जाल से निकालने के लिए पूरा बाजार, पूरा कारोबार, सारे सर्च इंजन मुस्तैद बैठे हैं।
कांग्रेस पार्टी ने भी अब अपना ऑनलाइन सदस्यता अभियान शुरू कर दिया है। हाल के चुनावों में पार्टी की हार के बाद अपना जनाधार बढ़ाने के लिए पार्टी ने सदस्यता के लिए अपना एक ऐप्प भी विकसित किया है।
यह आम बात हो गई है कि भारत के राजनीतिज्ञ कठोर राजनीतिक फैसले लेने से कतराते हैं और उन्हें अदालत के भरोसे छोड़ देते हैं। राजनैतिक, कार्यकारी और विधायी जिम्मेदारियों से यह पलायन ही न्यायिक सक्रियतावाद को जन्म देता है।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बरकरार रखने वाले अपने एक ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने साइबर कानून के उस प्रावधान को निरस्त कर दिया जो वेबसाइट्स पर कथित अपमानजनक सामग्री डालने पर पुलिस को किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार देता था।
फेसबुक की एक रिपोर्ट के अनुसार ऊंची लागत, खराब उपलब्धता और उचित उपकरणों के चलते विकासशील देशों में ज्यादातर लोग अभी भी इंटरनेट का इस्तेमाल करने में पीछे हैं।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार उनके भारत में रहने के दौरान प्रमुख चैनलों ने लगभग 32 घंटे की कवरेज दिखाई जो या तो अमेरिकी राष्ट्रपति से जुड़ी खबरें थी या गणतंत्र दिवस समारोह की खबरें थीं जिसमें ओबामा मुख्य अतिथि थे।