दिल्ली में 77 साल का एक बुजुर्ग 37 साल ली गई जमीन के मुआवजे के लिए भटक रहा है। मुआवजा तो दूर उसे इसकी जानकारी हासिल करने के लिए भी केंद्रीय सूचना आयोग से गुहार लगानी पड़ी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार के एक साल पूरा होने पर पत्र लिखकर उपलब्धियां गिनवाई है। देश के प्रमुख समाचार पत्रों में छपे पत्र में प्रधानमंत्री ने देश को आगे ले जाने और विकास से जुड़े कई बिन्दुओं के बारे में चर्चा की है।
बड़े-बड़े दावों और उम्मीदों के साथ सत्ता में आई मोदी और केजरीवाल की सरकार के लिए आज अपनी-अपनी कामयाबी गिनाने का दिन है। मोदी मथुरा में रैली कर अपनी उपलब्धियां गिनाएंगे तो केजरीवाल ने कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में जनसभा बुलाई है।
अपने एक साल के काम का हिसाब देते हुए नरेंद्र मोदी ने काहा कि जिन्होंने देश को लूटा है, जिनके बुरे दिन आए हैं, वही हल्ला कर रहे हैं। उनकी सरकार ने 365 दिनों में इतने काम किए हैं कि गिनाने जाएं तो 365 घंटे भी कम पड़ जाएंगे।
घर की खूबसूरती के संदर्भ में कहा जाता है कि गांधी परिवार को सादगी और सुंदरता बहुत पसंद है। खासकर बन रहे घर में इस परिवार को जरा सी भी कमीपेशी पसंद नहीं। शायद यही वजह है कि शिमला के करीब छराबड़ा में प्रियंका गांधी वाड्रा का वर्षों से बन रहा आशियाना अभी तक पूरा नहीं हो पाया। उसे कई दफा गिराकर दोबारा बनाया गया है। सत्ता में रहते व्यस्तताओं के चलते कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी बेटी के निर्माणाधीन घर की ओर ध्यान नहीं दे पाईं। लेकिन अब उम्मीद है कि यह घर इस वर्ष बनकर तैयार हो जाएगा। कांग्रेस विपक्ष में है, इसलिए सोनिया गांधी अपनी बेटी प्रियंका वाड्रा का बन रहा यह मकान देखने और इसका जायजा लेने का समय निकाल पाई हैं। वह कुछ दिनों के लिए निजी दौरे पर शिमला होकर आई हैं। प्रियंका के निर्माणाधीन आशियाने का जायजा लेने के बाद दो मंजिला इस मकान में आंशिक बदलाव के निर्देश दिए गए हैं। उनके साथ दिल्ली से एक अर्किटेक्ट भी आया था। सूत्रों के अनुसार प्रियंका इसी साल अपने आशियाने को तैयार करना चाहती हैं।
मोदी सरकार के एक साल के दौरान विभिन्न महानगरों में दालों के दाम 64 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। महंगाई से राहत के तमाम दावों के बावजूद आम आदमी पर महंगाई की मार बदस्तूर जारी है।
नरेंद्र मोदी सरकार ने शासन के अपने पहले एक साल की उपलब्धियां गिनाते हुए शनिवार को कहा कि संप्रग शासन के दौरान कथित रूप से प्रभावित हुई प्रधानमंत्री पद की विश्वसनीयता, गरिमा और कद को उसने बहाल किया है। शासन से बाहर बने ताकतवर सत्ता तंत्र को ध्वस्त किया है।
भारतीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) ने उन भारोत्तोलकों के कोचों पर दो साल का प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है जो पिछले कुछ महीनों के दौरान अलग-अलग चैंपियनशिप में प्रतिबंधित दवाओं के सेवन के दोषी पाए गए थे।