1990 में जब प्रधानमंत्री विश्वनाथ सिंह ने मंडल आयोग की सिफारिशाें को लागू करने का कदम उठाया तो उस समय पूरी सियासत ही गरमा गई। जगह-जगह वीपी सिंह के पुतले फूकें जा रहे थे और उनकी सरकार भी गिरा दी गई। पच्चीस साल बाद भी मंडल आयोग की सिफारिशें पूरी तरह से लागू नहीं हो पाईं। मंडल आयोग की रिपोर्ट में 13 अनुशंसाएं की गई थीं लेकिन दो ही अनुशंसाएं लागू हो पाईं।
भारत में अपने 20 साल पूरे होने के अवसर पर डिस्कवरी चैनल ने देश की कुछ बेहतरीन कहानियों समेत अपने कुछ सबसे शानदार कार्यक्रमों को विशेष रूप से प्रदर्शित करने की योजना बनाई है।
जापान पर नृशंस परमाणु बमबारी के सत्तर साल आज पूरे हुए। 6 और 9 अगस्त 1945 को जो डेढ़ से दो लाख नागरिक हिरोशिमा और नागासाकी पर अमेरिका के गिराए बमों से तत्काल मारे गए, शायद एक मायने में उनसे ज्यादा उन्होंने झेला जो जिंदा रह गए। एक खास बात जो इस पीढ़ी और अणुबम-जनित बीमारियों को झेलती बाद की पीढ़ियों में देखी गई वो यह कि उनमें किसी बदले की भावना की जगह दुनिया को परमाणु मुक्त बनाने की आकांक्षा ने ले ली, क्योंकि मानवीय हिंसा के इस सर्वाधिक संहारक हथियार के बाद शायद अब वापस ही लौटा जा सकता था।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यानी आईआईटी में दाखिला पाना जितना मुश्किल है, यहां पढ़ाई पूरी करना उससे भी कठिन। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले तीन साल में 2060 छात्र आईआईटी पढ़ाई बीच में ही छोड़ चुके हैं। यही हाल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) का है। इस अवधि में 2352 छात्रों ने एनआईटी की पढ़ाई भी बीच में छोड़ी है।
अरुणाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री रहे और केंद्र की नरसिम्हा राव की सरकार में मंत्री रहे पी के थुंगन को आज दिल्ली की एक अदालत ने चार साल के कैद की सजा सुनाई। अदालत ने थुंगन को कैद की सजा देने के अलावा उन पर 10,000 रूपए का जुर्माना भी लगाया।