चुनाव आयोग द्वारा ईवीएम के मुद्दे पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक खत्म हो गई है। 16 विपक्षी पार्टियों की तरफ से ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाने के बाद आयोग ने सर्वदलीय बैठक बुलाने का निर्णय लिया था।
दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री की भूख हड़ताल शुक्रवार को तीसरे दिन भी जारी रही और उनके स्वास्थ्य की जांच करने वाली डॉक्टरों की टीम ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराये जाने की सलाह दी है। मिश्रा ने हालांकि भर्ती होने से इनकार किया है।
आंतरिक उलझनों के बीच आम आदमी पार्टी संगठन के भीतर बदलाव कर रही है। अब 'आप' ने पंजाब के संयोजक के तौर पर सांसद भगवंत मान को जिम्मेदारी दी है। हालांकि इस पद को देने के साथ ही अरविंद केजरीवाल ने भगवंत मान के सामने एक शर्त भी रखी।
आम आदमी पार्टी से निष्कासित पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा अब केजरीवाल के बताए रास्ते पर चल पड़े हैं। जिस तरह शुरूआती दौर में केजरीवाल दिग्गज नेताओं पर आरोपों की झड़ी लगाते रहे हैं उसी नक्श-ए-कदम पर कपिल को भी देखा जा सकता है। कपिल ने भी एक पत्र के माध्यम से इसे स्वीकार किया है।
आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया, जहां आप नेता सौरभ भारद्वाज ने ईवीएम से छेड़छाड़ का डेमो दिया। हालांकि वो असली ईवीएम की बजाय उसके जैसी दिखने वाली मशीन लेकर आए थे।
सीबीआई ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आम आदमी पार्टी से निष्कासित नेता कपिल मिश्रा ने जो आरोप लगाए हैं उनकी जांच की जाएगी। समाचार एजेंसी पीटीआई ने यह जानकारी सीबीआई के हवाले से दी है।
जब वैश्विक राजनीति में दक्षिणपंथी उभार का वक्त माना जा रहा हो ऐसे समय में फ्रांस के राष्ट्रपति के तौर पर इमैनुएल मैक्रों का चुना जाना लोगों को हतप्रभ कर रहा है। इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात एक ‘नौसिखिया युवा’ होकर खांटी नेताओं को पटखनी देना है। वे 39 साल की उम्र में फ्रांस की मुख्यधारा की वामपंथी और दक्षिणपंथी पार्टियों को हराकर सबसे युवा राष्ट्रपति बने हैं।
अरविंद केजरीवाल की कैबिनेट से निकाले जाने के बाद दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा को आज आम आदमी पार्टी (आप) की प्राथमिक सदस्यता से भी निलंबित कर दिया गया। कपिल मिश्रा द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्राी अरविंद केजरीवाल पर घूसखोरी का आरोप लगाने के बाद पार्टी ने यह एक्शन लिया है।
आम आदमी पार्टी में शह और मात का खेल शुरू हो गया है। दिल्ली एमसीडी चुनावों से बढ़ी तकरार फिलहाल रूकने के आसार नहीं है। पार्टी दो खेमे में बंटती दिखाई दे रही है। बेशक कुमार विश्वास से मौके की नजाकत को भांपते हुए केजरीवाल ने समझौता जरूर कर लिया लेकिन उनकी अंदर की टीस कम नहीं हो पाई। अब विधानसभा की समितियों में विश्वास समर्थकों को किनारे कर उन्होंने इसका संकेत दे दिया है।