डा. एपीजे अब्दुल कलाम जिस दिन राष्ट्रपति पद की शपथ ले रहे थे उस समय मेरी डयूटी राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा में थी। दिल्ली पुलिस की नौकरी करते हुए मैं बहुत से लोगों की सुरक्षा में रहा लेकिन उस दिन पता नहीं क्यों मुझे लग रहा था कि आज जो आदर्श पुरूष देश के पहले नागरिक रूप में शपथ ले रहे हैं वह लोगों से बिल्कुल अलग हटकर हैं। मेरी अंर्तआत्मा से आवाज आई और कुछ शब्द कविता के रूप मैंने महामहिम डा. एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में लिखा।
पाकिस्तान उच्चायोग अब्दुल बासित द्वारा आयोजित रात्रिभोज में कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को न्योता देने से खफा केंद्र सरकार के सभी मंत्रियों ने इस न्योते का बहिष्कार किया है। लेकिन विश्वस्त सूत्रों की मानें तो इसमें विदेश राज्यमंत्री जनरल वी. के. सिंह शामिल हो सकते हैं।