बाबूमोशाय बंदूकबाज फिल्म के शीर्षक से यह तो पता चल रहा है कि यह बंदूक की कहानी है। बंदूक होगी तो गोलियां भी होंगी, गोलियां होंगी तो गालियां खुद ब खुद चली आएंगी और खून...वह तो फैलेगा ही।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की दूसरी पुण्यतिथि पर तमिलनाडु के रामेश्वरम में एपीजे अब्दुल कलाम स्मारक का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम ने डॉ. कलाम के परिजनों से मुलाकात की।
शिवसेना द्वारा गोपाल कृष्ण गांधी पर दिए विवादित बयान के बाद कांग्रेस ने इसका जवाब दिया है। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा था कि गांधी ने याकूब मेनन की फांसी का विरोध किया था। इस बयान के बाद सियासी हलकों में खलबली मच गई थी।
इंग्लिश-विंग्लिश के बाद श्रीदेवी ने मॉम के रूप में एक बार फिर अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है। फिल्म शुरू होते ही लगता है कि निर्देशक रवि उद्यावर कुछ ऐसा रचने जा रहे हैं जो श्री और सभी के खाते में एक ऐतिहासिक सफलता दर्ज करा जाएगा। लेकिन फिल्म जैसे-जैसे आगे बढ़ती है, बॉलीवुडिया मसाले की अधिकता उसे एक आम फिल्म बना कर छोड़ती है। फिल्मी संवाद, रोना, फिर विलेन को मारना और दो लोगों की गलतफहमी प्यार में बदल जाती है। बस फिल्म खत्म।
सांप्रदायिकता का रंग इंसानों पर चढ़ते देखना तो आम है, लेकिन अब यह शरबत में भी कड़वाहट घोलने की तैयारी कर रहा है। कई वर्षों से भारतीय व्रत त्यौहारों और भंडारों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने वाला, गर्मियों में गला तर करने वाला ‘रूह अफजा’ अब सांप्रदायिकता की चपेट में हैं।
कांग्रेस नेता बाबा सिद्दकी और रफीक मकबूर कुरैशी के अलग अलग ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की है। यह कार्रवाई मनी लांड्रिंग मामले में की गई है। बाबा पर आरोप है कि मुंबई स्थित बांद्रा के स्लम एरिया के विकास के नाम पर सौ करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला किया गया है। इसके अलावा एक जमीन के टुकड़े के विवाद के चलते दाऊद ने बाबा को धमकी भी दी थी कि तुम्हारी फिल्म बनवा दूंगा, ‘एक था एमएलए’।
नवाजुद्दीन सिद्दीकी के संघर्ष की दास्तान अब किसी के लिए नई नहीं है। उन्होंने अपने जीवन में लंबा वक्त संघर्ष कर बिताया है। जब तक नवाज, फैसल (गैंग्स ऑफ वासेपुर में उनके किरदार का नाम) में नहीं बदल गए तब तक उनके दिन नहीं बदले थे। उनके लिए पहले जन्मदिन सिर्फ एक तारीख तक सिमटा रहता था लेकिन अब 19 मई पर उनके पास बधाई का तांता लगा रहता है।
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम मंगलयान प्रक्षेपण के गवाह बनना चाहते थे, लेकिन प्रक्षेपण तिथि 24 सितंबर, 2014 के ठीक एक दिन पहले उनकी बिलकुल इच्छा न होने के बावजूद उन्हें बेंगलुरू से बाहर जाना पड़ा।
अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी के लिए एक अच्छी खबर है। दिल्ली की दो रामलीला समितियों ने नवाजुद्दीन को अपनी रामलीला में भूमिका देने की पेशकश की है। दरअसल अपने शहर मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना की रामलीला में उनके भागे लेने का विरोध किए जाने पर नवाज ने निराश होते हुए कहा था कि रामलीला में अभिनय करना उनके बचपन का सपना है।
भारत ने बुधवार को पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब कर दो टूक कहा कि उसे जो सबूत मिले हैं उससे यह पता चलता है कि उरी हमले में पाक आधारित आतंकवादियों की संलिप्तता थी। भारत ने कड़े शब्दों में पाकिस्तान से कहा कि वह नई दिल्ली के खिलाफ आतंकवाद का समर्थन और प्रायोजन करने से बचे।