सरकार ने न्यूयार्क विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र के प्रोफेसर और अपने आप को गरीब व्यक्ति का रघुराम राजन कहने वाले विराल वी. आचार्य को रिजर्व बैंक का नया डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया है।
1995 में पतंजलि का कंपनी के रुप मेंं पंजीयन कराने के लिए अधिकारियों ने बतौर शुल्क 13 हजार रुपए बाबा रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण से मांगे थे। उस वक्त इन दोनों के पास महज 3500 रुपए थे। किसी तरह दोस्तों से उधारी लेकर पंजीयन शुल्क चुकाया गया। आज 21 साल बाद पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण फोर्ब्स की सूची में भारत में 48 वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं। इस सूची में यह नाम आश्चर्यजनक है। बालकृष्ण को 2.5 अरब डालर की संपत्ति के साथ सूची में स्थान दिया गया है।