देश की प्रमुख नीति-निर्माता संस्था नीति आयोग ने सरकारी तंत्र पर निर्भरता कम करने के लिए सार्वजनिक सेवाओं को निजी सेवाओं हाथों में सौंपने यानी आउटसोर्स कराने का सुझाव दिया है।
वित्त मंत्रालय ने साफ किया है कि सरकार का कृषि आय पर किसी तरह का कर लगाने का इरादा नहीं है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को एक बयान में कहा कि मैंने नीति आयोग की रिपोर्ट पढ़ी, जिसमें कृषि आय पर कर लगाने की बात कही गई है। इस पर किसी तरह का भ्रम पैदा हो इससे पहले मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि सरकार का कृषि आय पर किसी तरह का कर लगाने का कोई इरादा नहीं है। जेटली ने कहा कि संविधान में प्रदत्त शक्तियों के आधार पर सरकार के पास कृषि आय पर कर लगाने का कोई अधिकार नहीं हैं।
जंतर-मंतर पर तमिलनाडु के किसानों का धरना-प्रदर्शन अपने अनूठे तौर-तरीकों को लेकर चर्चाओं में रहा। पढ़िए, इस आंदोलन को किस नजरिये से देखते हैं मध्य प्रदेश के युवा किसान नेता केदार सिरोही
देश के सेवा क्षेत्र में मार्च में लगातार दूसरे महीने वृद्धि दर्ज की गई। अर्थव्यवस्था में गतिविधियां बढ़ने और नये आर्डर मिलने के साथ साथ मुद्रास्फीति दबाव कम रहने से यह वृद्धि दर्ज की गई। एक मासिक सर्वेक्षण में यह परिणाम जारी किया गया है। इससे पहले पीएमआई के विनिर्माण क्षेत्र के सूचकांक में भी अच्छी वृद्धि दर्ज की गई।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन :इसरो: के एक बेहद सुरक्षित और साफ कमरे में एक नई किस्म की जुगलबंदी बन रही है। निजी क्षेत्र के दल सरकारी इंजीनियरों के साथ मिलकर एक ऐसा उपग्रह बनाने का काम कर रहे हैं, जो जल्दी ही आसमान में स्थापित किया जाएगा।
इस साल गेहूं की बंपर पैदावार होने के अनुमान को ध्यान में रखते हुये सरकार किसानों के हितों की सुरक्षा के वास्ते गेहूं पर आयात शुल्क लगाने पर विचार कर रही है। कृषि सचिव शोभना के. पटनायक ने आज यह जानकारी दी।
देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण के लिए इस साल चुने गए सात लोगों में शामिल एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपना पुरस्कार किसानों को समर्पित करते हुए कहा कि उनके 50 साल से ज्यादा लंबे राजनीतिक करियर के दौरान कृषि क्षेत्र में किए गए कामों को देश ने मान्यता दी है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली की माने तो नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था को कोई नुकसान नहीं हुआ है। वित्त मंत्री ने जो आंकड़े पेश किए उसके हिसाब से नोटबंदी के बाद राजस्व बढ़ा है। वित्त मंत्री ने ये भी कहा है कि कई क्षेत्रों में कारोबार भी बढ़ा है और खेती को भी कोई नुकसान नहीं हुआ है।
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने मंगलवार को कहा कि देश में कल्याण संबंधी कानून बनाए जाने और कदम उठाए जाने के 70 साल बाद भी सामाजिक न्याय प्रदान करने की जमीनी हकीकत निराशाजनक है। उन्होंने कहा, सामाजिक न्याय के मामले में हम कहां खड़े हैं ? सामाजिक न्याय प्रदान करने के लिए कल्याण संबंधी कानून बनाए जाने और कदम उठाए जाने के 70 साल बाद भी यह एक सवाल है जो गणराज्य के लोग राज्य से पूछ सकते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि भारत को सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा में और अधिक निवेश करना चाहिए तथा अवसंरचना एवं मानव संसाधन समेत सभी पहलुओं पर गौर करते हुए त्वरित स्वास्थ्य आपूर्ति प्रणाली का निर्माण करना चाहिए। इसमें ग्रामीण इलाकों पर विशेष तौर पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।