अगर आज महाकवि सूरदास होते तो शायद ‘मैया मैं तो चंद्र खिलौना लैहौं’ की जगह यह लिखते, मैया मैं तो चांद पे घर बनवैहौं। यह कहने की वजह यह है कि अभी ज्यादा दिन बीता है, स्पेस एक्स नाम की एक प्राइवेट स्पेस एजेंसी ने बताया था कि उसने दो लोगों को पर्यटक के तौर पर चांद की धरा की सैर कराने की योजना बनाई है। इस बीच कल दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी ने उससे आगे की रोमांचक खबर सुना दी।
देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण के लिए इस साल चुने गए सात लोगों में शामिल एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपना पुरस्कार किसानों को समर्पित करते हुए कहा कि उनके 50 साल से ज्यादा लंबे राजनीतिक करियर के दौरान कृषि क्षेत्र में किए गए कामों को देश ने मान्यता दी है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली की माने तो नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था को कोई नुकसान नहीं हुआ है। वित्त मंत्री ने जो आंकड़े पेश किए उसके हिसाब से नोटबंदी के बाद राजस्व बढ़ा है। वित्त मंत्री ने ये भी कहा है कि कई क्षेत्रों में कारोबार भी बढ़ा है और खेती को भी कोई नुकसान नहीं हुआ है।
नोटबंदी के फैसले से परेशान किसानों को बड़ी राहत देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कहा है कि इस समय चूंकि बुआई का समय है, इसलिए इसको देखते हुए किसान बीजों की खरीद में पूराने 500 रुपये के नोट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
राष्टपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि अगर सरकार की स्वच्छ भारत व डिजिटल इंडिया जैसी नवोन्मेषी पहलों का कार्यान्वयन सफलतापूर्वक होता है तो भारत दुनिया में एक आधुनिक आर्थिक शक्ति बनेगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि कृषि आय को दोगुना करने के लिए सिंचाई में निवेश आवश्यक है। इसमें नाबार्ड की धन वितरण को लेकर महत्वपूर्ण भूमिका है, जिससे किसानाें को उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिल सकती है। उन्हाेंने कहा कि नाबार्ड ने सिंचाई वित्तपोषण के लिए 80,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है जिसमें से 19,700 करोड़ रुपये चालू वित्त वर्ष में आएंगे।
लगातार दो साल सूखे के बाद इस बार बेहतर बारिश के चलते देश का खाद्यान्न उत्पादन चालू फसल वर्ष 2016-17 में रिकार्ड पैमाने को छू सकता है। कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने यह उम्मीद जताई है। वह नई दिल्ली में रबी फसल पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन में राज्यों के कृषि अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं।
ममता बनर्जी लंबे राजनीतिक अनुभव से बहुत व्यावहारिक होती जा रही है। केजरीवाल की तरह वह सत्ता में रहकर भी हड़ताली आंदोलनकर्ता नहीं रह सकती। इसीलिए बंगाल में सिंगूर के किसानों के लिए संघर्ष की पृष्ठभूमि के बावजूद उन्होंने किसानों को खेती की जमीन लौटाने के साथ टाटा ग्रुप या अन्य उद्योगपतियों को प्रदेश में बड़े उद्योग लगाने के लिए समुचित जमीन और सुविधाएं देने की पहल की है। ममता जबरन जमीन के अधिग्रहण करके उद्योग लगाने की प्रवृत्ति को अनुचित मानती है।
कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ एजुकेशन एक्सीलेंस (सीईई) दिल्ली में शिक्षा सम्मेलन का आयोजन करने जा रहा है। रोहिणी स्थित होटल क्राउन प्लाजा में 3 सितम्बर 2016 को "इण्डियन फिलोस्फिकल फाउंडेशन फॉर मॉडर्न एजुकेशन" पर ‘‘क्वालिटी ऑफ़ एजुकेशन’’ पर केन्द्रित सेमिनार आयोजित किया जाएगा। यहां ईसीओएनएस के सहयोग से शिक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए पुरस्कार भी दिए जाएंगे।