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हिंदी दिवस पर कवियों का जुटान

हिंदी दिवस पर कवियों का जुटान

कवि-कहानीकारों के लिए वैसे तो हर दिन हिंदी का दिन होता है। लेकिन साल में एक दिन खास मनाया जाता है जो हिंदी के लिए कोने-कोने में प्रयासरत लोगों को एक मंच पर जुटा लाता है।
'रोशोगुल्ला' पर बंगाल का दावा!

'रोशोगुल्ला' पर बंगाल का दावा!

रसगुल्ले का आविष्कार पश्चिम बंगाल में होने का दावा करते हुए राज्य सरकार ने इस पर अपना औपचारिक दावा करने के लिए कदम उठाना शुरू कर दिया है। कुछ दिनों पहले ओडिशा ने भी रसगुल्ले के अविष्कार पर अपना दावा ठोंका था। अब इस लड़ाई में सभी जानना चाहते हैं, कार रोशोगुल्ला यानी रसगुल्ला किसका है?
सोनिया की डांट के बाद थरूर को मिली मोदी से तारीफ

सोनिया की डांट के बाद थरूर को मिली मोदी से तारीफ

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से फटकार के बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर की आज प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी ने तारीफ की है। इस तारीफ को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। एक दिन पहले ही संसद में कांग्रेस की रणनीति की सार्वजनिक आलोचना करने पर थरूर से सोनिया गांध्री की नाराजगी की खबरें आई थीं।
आईआईटी-मद्रास को देनी पड़ी छात्र समूह को मान्‍यता

आईआईटी-मद्रास को देनी पड़ी छात्र समूह को मान्‍यता

कई दिनों चले विवाद के बाद आईआईटी-मद्रास ने अंबेडकर-पेरियार स्‍टडी सर्किल की मान्‍यता फिर से बहाल कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की आलोचना को लेकर इस छात्र संगठन के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। लेकिन मामला तूल पकड़ता देख संस्‍थान को अपना फैसला बदलना पड़ा।
कैबिनेट के निर्णय: फिर जारी होगा भूमि अध्यादेश

कैबिनेट के निर्णय: फिर जारी होगा भूमि अध्यादेश

भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहें ‌कि भूमि विधेयक उनके लिए जीवन मरण का प्रश्न नहीं है मगर केंद्रीय कैबिनेट ने शनिवार को फैसला लिया कि भूमि अध्यादेश फिर से जारी होगा। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को यह अध्यादेश फिर भेजा जाएगा।
निर्यात हिंदुत्व और जाति का

निर्यात हिंदुत्व और जाति का

जातिगत उत्पीडऩ और भेदभाव के खिलाफ मुखर होता दलित डायस्पोरा इससे चिंतित।भारतीय डायस्पोरा का यह दलित स्वर या दलित डायस्पोरा दुनिया के तमाम बड़े देशों में धीरे-धीरे मजबूत होता दिख रहा है। गैर दलित डायस्पोरा ने तो बड़ी तादाद में (सबने नहीं) अपनी राजनीति स्पष्ट कर दी है, अपना झुकाव स्पष्ट कर दिया है, दलित डायस्पोरा अभी उसके साथ खड़ा नहीं दिख रहा। भारत की नई सरकार से उसे भी अपेक्षाएं हैं। वह भी बेहतर सुविधाओं और व्यापार की संभावनाओं के प्रति आशावान है लेकिन जाति तथा जातिगत उत्पीडऩ के सवाल पर फिलहाल कोई समझौता करता नहीं दिखता।
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