अमेरिका में भारत के राजदूत नवतेज सरना की 86 वर्षीय मां के साथ दिल्ली के ग्रेटर कैलाश इलाके में उनके नाती ने मारपीट की। मामला संपत्ति विवाद से जुड़ा है।
ट्रंप प्रशासन ने ओबामा प्रशासन द्वारा नियुक्त किए गए भारतीय-अमेरिकी सर्जन जनरल विवेक मूर्ति को पद छोड़ने के लिए कहा है ताकि मौजूदा सरकार की पसंद के व्यक्ति को इस पद पर बैठाया जा सके।
भारत के अनुभवी आफ स्पिनर हरभजन सिंह को आईसीसी चैम्पियंस ट्राफी के लिये एम्बेसडर चुना गया है। हरभजन ने अपनी नियुक्ति पर कहा कि वैश्विक टूर्नामेंट का एम्बेसडर नियुक्त किया जाना सचमुच गर्व की बात है। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत इस बार भी विजेता बन सकता है।
31 वर्षीय एक भारतीय अमेरिकी उद्यमी न्यूजर्सी में गर्वनर पद की दौड़ में शामिल हैं। यहां इस साल के आखिर में चुनाव होना है। रिपब्लिकन हर्षवर्धन सिंह ने गर्वनर चुने जाने के बाद संपत्ति करों में कटौती और न्यूजर्सी को तकनीकी क्षेत्रों में देश का प्रमुख स्थान बनाने का वादा किया है।
भारतीय अमेरिकी डॉक्टरों के एक संगठन ने भारत में डॉक्टरों पर बढ़ते हमलों की निंदा की। साथ ही सगंठन ने चिकित्सीय पेशेवरों के खिलाफ होने वाली हिंसा को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हस्तक्षेप की भी मांग की है।
ईरान ने आज 15 अमेरिकी कंपनियों पर पाबंदी लगा दी है। ईरान ने कुल 15 अमेरिकी कंपनियों पर आतंकवाद का समर्थन करने, दमन और फलस्तीन की जमीन पर इस्राइल के कब्जे का समर्थन करने के के कारण पाबंदी लगाई है।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा की एकतरफा जीत को नरेंद्र मोदी के पक्ष में मतदान करार देते हुए एक प्रख्यात अमेरिकी विशेषज्ञ ने आज कहा कि परिणामों से पता चलता है कि लोग प्रधानमंत्री को काम करने वाला व्यक्ति मानते हैं।
नोटबंदी के फैसले पर अब पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना खुलकर सामने आ रही है। पहले इस पर मिलीजुली और सधी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलती थी। प्रख्यात अमेरिकी अर्थशास्त्री स्टीव एच हांक ने उच्च राशि की मुद्रा के चलन से बाहर करने के फैसले की आलोचना की है।
पाकिस्तान की सेना भारत को असंतुलित करने और कश्मीर विवाद पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मध्यस्थ बनाने की कोशिश के तहत भारत पर हमला करने वाले आतंकवादी संगठनों की लगातार मदद कर रही है।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद प्रवासियों में व्याप्त डर एवं चिंता को रेखांकित करते हुए ओबामा प्रशासन में कार्यरत भारतीय मूल की एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि उन्होंने इस बेचैनी को अपने घर के भीतर महसूस किया है। उन्होंने कहा कि उनके बच्चों ने उनसे पूछा था कि डोनाल्ड ट्रंप की जीत का क्या यह अर्थ है कि हमें देश छोड़ना होगा।