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मंत्री का फोन होल्‍ड रखा तो किया ट्रांसफर, लेडी आईपीएस इस्‍तीफा दे हुईं गायब

मंत्री का फोन होल्‍ड रखा तो किया ट्रांसफर, लेडी आईपीएस इस्‍तीफा दे हुईं गायब

कर्नाटक में आईपीएस अधिकारी ने एक मंत्री का फोन होल्‍ड पर रखा तो आनन फानन में उसका तुरंत ट्रांसफर कर दिया गया। महिला आईपीएस अधिकारी ने भी इसे गंभीरता से लेते हुए नौकरी से इस्‍तीफा दे दिया। इस्‍तीफे के बाद वह कहां हैंं, इसकी कोई जानकारी नहीं है। डीएसपी अनुपमा शेनॉय के इस्‍तीफे पर सीएम सिद़धरमैया ने कहा कि वह इस मसले पर कुछ नहीं जानते हैं।
ओमपुरी ने कसा तंज, प्रणब को प्रेसीडेंट बनाया ताकि बेटा राहुल बन सके पीएम

ओमपुरी ने कसा तंज, प्रणब को प्रेसीडेंट बनाया ताकि बेटा राहुल बन सके पीएम

बॉलीवुड के वरिष्ठ अभिनेताओं मेंं शुमार ओम पुरी ने पीएम नरेंद्र मोदी का जमकर गुणगान करते हुए कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी पर हमला बोला है। सोनिया गांधी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा है कि सोनिया गांधी अपने बेटे को प्रधानमंत्री बनाने के बारे में सोच रही हैं। जबकि राहुल प्रधानमंत्री के पद के लायक नहीं हैंं। हम मूर्ख हैं क्या? कांग्रेस में प्रणब मुखर्जी इतने अनुभवी और बड़े नेता हैं। वे इतने वक्त तक कांग्रेस में रहे हैं। आपका बेटा प्रधानमंत्री बन सके, इसलिए आपने उन्हें प्रेसिडेंट बनवा दिया।'
बॉलीवुड पर किताब लिखना चाहते हैं नसीरूद्दीन शाह

बॉलीवुड पर किताब लिखना चाहते हैं नसीरूद्दीन शाह

एक कलाकार रचनाशील होता है। हमेशा कुछ नया और हटकर करने की उसमें ललक होती है। ऐसी ही कुछ ख्वाहिश अभिनेता नसीरूद्दीन शाह की भी है। शाह बॉलीवुड पर एक किताब लिखना चाहते हैं। इससे पहले अपनी जिंदगी के शुरुआती 32 सालों का संस्मरण लिख चुके अभिनेता का बॉलीवुड पर एक संपूर्ण पुस्तक लाने का इरादा है।
राम नाईक का आरोप, गोविंदा ने मुझे हराने के लिए दाऊद की मदद ली

राम नाईक का आरोप, गोविंदा ने मुझे हराने के लिए दाऊद की मदद ली

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने अपनी पुस्तक में आरोप लगाया है कि अभिनेता से राजनीति में आए गोविंदा ने साल 2004 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हराने के लिए अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम की मदद ली थी।
मशहूर अभिनेता मनोज कुमार को दादासाहेब फाल्के सम्मान

मशहूर अभिनेता मनोज कुमार को दादासाहेब फाल्के सम्मान

मशहूर अभिनेता मनोज कुमार को साल 2015 का दादासाहेब फाल्के अवार्ड दिया जाएगा। अपनी विशिष्ट अभिनय शैली और देशभक्ति की भावना से भरी फिल्मों के लिए मनोज कुमार लाखों भारतीय दिलों पर राज करते हैं।
ये फिल्में नहीं देखीं तो कुछ नहीं देखा

ये फिल्में नहीं देखीं तो कुछ नहीं देखा

भारतीय और विश्व सिनेमा ऐसा समुद्र है जिसमें जितने गोते लगाए जाएं, डूबते ही जाते हैं। हर साल पूरे विश्व में हजारों की संख्या में फिल्में बनती हैं, कुछ हिट होती है कुछ फ्लॉप और कुछ समय पर अंकित हो जाती है। कोई फिल्म फ्लॉप है इसका मतलब यह नहीं कि उसमें कुछ नहीं था। कभी-कभी फिल्में नहीं चलतीं और दर्शकों के दिल पर छाप छोड़ जाती हैं। कुछ खास फिल्मों की सूची आउटलुक के लिए लेखक और आलोचक अनुपमा चोपड़ा, लेखक और फिल्म इतिहासकार जय अर्जुन सिंह, फिल्मकार और आलोचक श्रीनिवास भाष्यम और फिल्म निर्देशक श्रीराम राघवन ने बनाई है। इन फिल्मों को जरूर देखिए। यह फिल्म सूची की पहली किस्त है। कल जानिए दूसरी किस्त में कुछ और खास फिल्में
'अतुल्य भारत' से आमिर खान की छुट्टी, कॉन्ट्रैक्ट खत्म

'अतुल्य भारत' से आमिर खान की छुट्टी, कॉन्ट्रैक्ट खत्म

अभिनेता आमिर खान अब अतुल्य भारत के ब्रांड एंबेसडर नहीं होंगे। पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने बताया है कि अतुल्य भारत अभियान के लिए आमिर खान का अनुबंध समाप्त गया है।
असहिष्‍णुता पर बयान देकर चौतरफा घिरे आमिर खान

असहिष्‍णुता पर बयान देकर चौतरफा घिरे आमिर खान

देश में असहिष्णुता के कारण बढ़ती बेचैनी पर अपनी टिप्पणी के लिए अभिनेता आमिर खान चौतरफा आलोचनाओं के घेरे में आ गए हैं। जहां भाजपा ने उनके बयान को देश को बदनाम करने की कांग्रेस की गहरी राजनीतिक साजिश करार दिया वहीं हिंदू सेना ने मुंबई स्थित उनके घर के बाहर विरोध प्रदर्शन कर उनसे टिप्पणी वापस लेेने की मांग की।
मीरा के हुए शाहिद

मीरा के हुए शाहिद

बॉलीवुड अभिनेता शाहिद कपूर ने मंगलवार को दिल्ली की मीरा राजपूत से गुड़गांव स्थित एक फार्म हाउस में सादे समारोह में विवाह रचाया। प्रसिद्ध अभिनेता पंकज कपूर और उनकी पूर्व पत्नी नीलिमा अजीम के बेटे 34 वर्षीय शाहिद राधा स्वामी संप्रदाय की परंपराओं के अनुसार 21 वर्षीय मीरा से विवाह बंधन में बंध गए।
लोकतांत्रिक तरीके से चुना व्यक्ति भी तानाशाह हो सकता हैः नामवर सिंह

लोकतांत्रिक तरीके से चुना व्यक्ति भी तानाशाह हो सकता हैः नामवर सिंह

आलोचना (त्रैमासिक) पत्रिका के अंक 53-54 के प्रकाशन के उपलक्ष्य में ‘भारतीय जनतंत्र का जायजा’ विषय पर साहित्य अकादमी-सभागार में आयोजित परिचर्चा में युवाओं की भागीदारी जबरदस्त रही। दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय सहित अन्य अकादमिक संस्थानों के छात्रों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। युवाओं ने जनतंत्र से जुड़े सवालों की झड़ी लगा दी। एक युवा ने सवाल खड़ा किया कि आखिर क्यों ‘आलोचना’ पहले जैसी नहीं होती ! जिसकी आलोचना होती है वह और मजबूत क्यों हो जाता है।
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