दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र तोमर की फर्जी डिग्री के मामले को लेकर दिल्ली विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। जिसके कारण सदन की कार्यवाही कुछ देर के बाधित हुई।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और उपराज्यपाल नजीब जंग से केजरीवाल सरकार के टकराव समेत राज्य सरकार से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने एक महत्वपूर्ण कदम के तहत वर्ष 2002 का 100 करोड़ रुपये का कथित सीएनजी फिटनेस घोटाला मामला फिर खोल दिया है जिसमें शीला दीक्षित सरकार के तहत काम कर चुके तीन शीर्ष अधिकारी आरोपों के घेरे में हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच का तनाव शुक्रवार को और निचले स्तर पर पहुंचता दिखा जब केजरीवाल ने कहा कि अगर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का चौकीदार भी बुला ले तो नजीब जंग रेंगते हुए जाएंगे जबकि उनके मंत्रियों से मिलने का उनके पास वक्त नहीं है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिहार के पांच पुलिस अधिकारियों को भ्रष्टाचार निरोधी शाखा में शामिल करने का फैसला कर उपराज्यपाल नजीब जंग को आंखें तरेरने का फिर से एक मौका दे दिया है। उपराज्यपाल का कहना है कि इसके लिए उनसे मंजूरी लेना जरूरी होगा। भारतीय जनता पार्टी ने इसे एक मजाक करार देते हुए कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री तो खुद भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई में विफल रहे हैं।
उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार की जंग के बीच बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र का पहला दिन काफी हंगामेदार रहा। आम आदमी पार्टी के विधायक आदर्श शास्त्री ने उपराज्यपाल के खिलाफ महाभियोग चलाने का अधिकार दिए जाने की मांग की है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को यहां उपराज्यपाल नजीब जंग से मुलाकात की और भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) के कामकाज पर चर्चा की। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को अपने एक फैसले में कहा था कि एसीबी को दिल्ली पुलिसकर्मियों सहित केंद्र सरकार के अधिकारियों के खिलाफ जांच करने का अधिकार है।
बड़े-बड़े दावों और उम्मीदों के साथ सत्ता में आई मोदी और केजरीवाल की सरकार के लिए आज अपनी-अपनी कामयाबी गिनाने का दिन है। मोदी मथुरा में रैली कर अपनी उपलब्धियां गिनाएंगे तो केजरीवाल ने कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में जनसभा बुलाई है।
देश के संवैधानिक प्रमुख की हैसियत से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राजधानी दिल्ली में गहराते संवैधानिक संकट को देखते हुए अब और निष्क्रियता और चुप्पी की आरामतलबी गवारा नहीं कर सकते। केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना और आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार के उसके खिलाफ विधान सभा का सत्र बुलाने के निर्णय से केंद्र और दिल्ली सरकार का टकराव अब उस कगार पर पहुंच गया है कि बिना न्यायपालिका या राष्ट्रपति जैसी उच्च संवैधानिक संस्थाओं की पंचायती के किसी परिपक्व संवैधानिक हल की उम्मीद नहीं।