दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सीबीडीटी में शिकायत दर्ज कराई है। कपिल ने सीबीडीटी चेयरमैन से मिलने का समय भी मांगा।
दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री की भूख हड़ताल शुक्रवार को तीसरे दिन भी जारी रही और उनके स्वास्थ्य की जांच करने वाली डॉक्टरों की टीम ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराये जाने की सलाह दी है। मिश्रा ने हालांकि भर्ती होने से इनकार किया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए आने वाले दिन और परेशानी वाले हो सकते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा है कि अगर भ्रष्टाचार के आरोप साबित हुए तो वह केजरीवाल के खिलाफ धरना देंगे।
एमसीडी चुनाव में मिली करारी हार के बाद आम आदमी पार्टी में मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार से जल और पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा की छुट्टी हो गई है। कुमार विश्वास के करीबी माने जाने वाले कपिल मिश्रा की जगह नजफ़गढ़ के विधायक कैलाश गहलोत को मंत्री बनाया जाएगा, जबकि सीमापुरी से विधायक राजेन्द्र पाल गौतम भी मंत्री बनेंगे।
दिल्ली नगर निगम चुनाव में हार के बाद पार्टी में मचे कोहराम से यह सवाल शिद्दत से खड़ा हो गया है कि क्या आम आदमी पार्टी बिखर जाएगी? क्या नई राजनीति की डाल उसके हाथ से छूट गई है? ऐसे सवालों पर अरविंद केजरीवाल के बाद आप के सबसे कद्दावर नेता, दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया फौरन कहते हैं, ‘‘टीवी बहस में तो हजारों बार दफन की जा चुकी है आप।’’ उन्हें पूरा भरोसा है कि आप जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेगी। आउटलुक के संपादक हरवीर सिंह के साथ बातचीत में सिसोदिया ने विस्तार से पार्टी की हार के कारणों और आगे की रणनीति पर चर्चा की। प्रमुख अंश:
कुमार विश्वास के झगड़े की वजह कहीं राज्यसभा की सदस्यता तो नहीं है। अचानक विश्वास के तेवर बदलने को लेकर पार्टी में कई तरह की चर्चाएं हैं। पंजाब व गोवा के बाद निगम चुनावों को लेकर जिस तरह आप में उठापटक हुई है, उसकी वजह आप में पार्टी नेताओं द्वारा जगह बनाना और राज्यसभा की दावेदारी मजबूत करना माना जा रहा है।
विधानसभा चुनावों और दिल्ली नगर निगम चुनावों में आम आदमी पार्टी की हार के बाद केजरीवाल ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। ट्विटर पर लिखे एक पत्र में उन्होंने गलती स्वीकार की है।
आम आदमी पार्टी :आप: ने लगातार तीन चुनाव में हार के बाद पार्टी के मिशन विस्तार में फौरी तौर पर बदलाव किया है। आप नेतृत्व ने दिल्ली नगर निगम चुनाव में उम्मीद के विपरीत मिले परिणाम की समीक्षा में पार्टी के मिशन विस्तार से केजरीवाल सरकार को दूर रखने और ईवीएम में गड़बड़ी के मुद्दे को उठाने की रणनीति में बदलाव किया है।
दिल्ली नगर निगम चुनावों में आम आदमी पार्टी की करारी हार के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर इस्तीफेे का चौतरफा दबाव पड़ा रहा है। सबसे ज्यादा निशाना उनकी "बहानेबाजी" और आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति को बनाया जा रहा है।