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पीएम मोदी की 97 वर्षीय मां ने भी कतार में लग बैंक से निकलवाए पैसे

पीएम मोदी की 97 वर्षीय मां ने भी कतार में लग बैंक से निकलवाए पैसे

पीएम नरेंद्र माेेदी की 97 वर्षीय मां हीराबेन ने मंगलवार को गांधीनगर में अपने गांव के बैंक में अन्य लोगों की तरह ही अपने पुराने नोट बदलवाए। रायसान गांव में स्थित ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में हीराबेन व्हीलचेयर पर पहुंचीं। वह सुबह बैंक पहुंचीं और उनके साथ उनके संबंधी थे।
बैंक बांट रहे है पैैसे, मोदी ने ले आए अच्‍छे दिन : चिदंबरम

बैंक बांट रहे है पैैसे, मोदी ने ले आए अच्‍छे दिन : चिदंबरम

पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने 500 और 1000 रूपए के पुराने नोट बंद करने के फैसले पर तंज कसते हुए मंगलवार को कहा कि बैंकों की ओर सेे नागरिकों को नगद बांटना इस बात का सबूत है कि अच्छे दिन आ गए हैं। कई ट्वीट करके कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम ने नोटबंदी योजना को लागू करने के तौर-तरीके को लेकर भी मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि करोड़ों कामकाजी लोग कतार में खड़े हैं। उत्पादकता जिंदाबाद।
नोटबंदी के साइड इफेक्‍ट, क्‍या यह निर्णय जल्‍दबाजी में ले लिया गया

नोटबंदी के साइड इफेक्‍ट, क्‍या यह निर्णय जल्‍दबाजी में ले लिया गया

भ्रष्टाचार पर काम करने वाली संस्था टांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया में भारतीय शाखा के प्रमुख रमानाथ झा ने कहा कि दरअसल भारत में अभी भी नकदी से ही लेन-देन करने की मानसिकता है। अभी यहां के लोग प्लास्टिक मनी के इस्तेमाल के अभ्यस्त नहीं हैं। बैकिंग प्रणाली से जोड़ने और बैकिंग जागरूकता के बगैर अचानक किये गये इस निर्णय से परेशान करने वाले परिणाम तो सामने आने ही हैं।
सपा पर शाह का निशाना, जहां दिन-दहाड़े बलात्कार होते हों वहां कौन करेगा निवेश

सपा पर शाह का निशाना, जहां दिन-दहाड़े बलात्कार होते हों वहां कौन करेगा निवेश

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर प्रदेश की सपा सरकार पर निशाना साधते हुए आज कहा कि जिस जगह दिन दहाड़े अपराध होते हों और कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई हो, वहां कोई निवेश करने नहीं आएगा।
नए सुरक्षा फीचर्स के साथ लौटेगा एक हजार रुपए का नोट

नए सुरक्षा फीचर्स के साथ लौटेगा एक हजार रुपए का नोट

मोदी सरकार ने वर्तमान के एक हजार रुपए के नोट को अवैध कर कालाधन को खतम करनेे की कोशिश की है। इसकी सराहना की जा रही है। इसी बीच सरकार ने गुरुवार को जानकारी दी है कि बैन हुए एक हज़ार के नोट वापसी कर सकते हैं। अगले कुछ महीनों में एक हज़ार के नए नोट नए फीचर और डिजाइन के साथ वापसी कर सकते हैं।
मोदी ने बता दिया कि उन्हें आम लोगों की कितनी कम परवाह है : राहुल

मोदी ने बता दिया कि उन्हें आम लोगों की कितनी कम परवाह है : राहुल

कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी ने 500 रूपए और 1000 रूपए के नोटों को अमान्य घोषित किए जाने को लेकर बुधवार को प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और इस बात पर हैरानी जताई कि आखिर 2000 रूपए का एक नया नोट लाने से काले धन की जमाखोरी कैसे मुश्किल हो जाएगी?
‘भाषा का कोई धर्म नहीं होता, बल्कि मजहब को भाषा की जरूरत होती है’

‘भाषा का कोई धर्म नहीं होता, बल्कि मजहब को भाषा की जरूरत होती है’

उर्दू जबान की तरक्की के लिए फिक्रमंद साहित्यकारों और शिक्षाविदों का मानना है कि इस भाषा को सिर्फ मुसलमानों की जबान के तौर पर पेश कर एक दायरे में सीमित करने की कोशिशें की जा रही हैं जबकि असलियत यह है कि यह पूरे देश में और विभिन्न समुदायों में बोली जाती है और इसके विकास में सभी का अहम योगदान है। इसके अलावा उर्दू और हिंदी छोटी और बड़ी बहने हैं और इनमें आपस में कोई टकराव नहीं है।
'मोदी सरकार में कुछ कर दिखाने की नीयत है, परिणाम आने में समय लगेगा'

'मोदी सरकार में कुछ कर दिखाने की नीयत है, परिणाम आने में समय लगेगा'

मोदी सरकार को राज्यों के साथ भरोसे का संवाद बनाने की सलाह देते हुए जाने माने चिंतक के एन गोविंदाचार्य ने कहा कि केंद्र सरकार के ढाई साल के काम में कुछ कर दिखाने का इरादा झलकता है और प्रधानमंत्री काफी परिश्रम कर रहे हैं लेकिन परिणाम आने में अभी समय लगेगा।
शिक्षा नीति में किसी भाषा को थोपना अनुचित: मुस्लिम थिंकटैंक

शिक्षा नीति में किसी भाषा को थोपना अनुचित: मुस्लिम थिंकटैंक

कुछ संगठनों द्वारा अंग्रेजी भाषा को पढ़ाई से हटाने की सिफारिश किए जाने पर एक प्रमुख मुस्लिम थिंकटैंक ने आज कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में किसी भाषा को थोपना उचित नहीं रहेगा और अंग्रेजी आधुनिक दौर में विकास की एक प्रमुख धुरी है जिससे आज की पीढ़ी को उपेक्षित नहीं रखा जा सकता।
आर्थिक संकट में मनरेगा, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मांगे 10000 करोड़

आर्थिक संकट में मनरेगा, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मांगे 10000 करोड़

गरीबों के लिए लाई गई योजना मनरेगा आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है। चालू वित्त वर्ष के लिए अतिरिक्त आवंटन के बावजूद काम मांगने वालों की संख्या बढ़ने से सालभर के लिए आवंटित राशि खत्म हो गई है। गांव के गरीबों को रोजगार मुहैया कराने वाली योजना को आगे चलाने के लिए दस हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त मांग की गई है।