गुजरात के बाद अब उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी उथल-पुथल मच गई है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का लखनऊ पहुंचना समाजवादी पार्टी के लिए संकट बन गया है। शाह के यूपी में आते ही सपा के तीन और बीएसपी के एक विधायक ने इस्तीफा दे दिया है।
बिहार के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत में भी हलचल तेज हो गई गई है। बसपा एमएलसी ठाकुर जयवीर सिंह के इस्तीफे को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा पर जमकर हमला बोला।
राज्यसभा चुनाव से पहले गुजरात कांग्रेस के विधायकों का इस तरह इस्तीफा देना पार्टी के लिए बड़ी मुश्किलों खड़ा कर सकता है। गुजरात में इस तरह की स्थिति को देखते हुए कांग्रेस ने अपने 46 विधायकों को बेंगलुरू रवाना कर दिया है।
गुजरात में कांग्रेस के तीन विधायकों ने कांग्रेस के कद्दावर नेता अहमद पटेल की राज्यसभा सीट को खतरे में डाल दिया है। दरअसल कांग्रेस के तीन विधायक भाजपा में सामिल हो गए हैं जिससे सियासी गणित में उलटफेर हो गया है।
6 कांग्रेस विधायकों ने हाईकमान को चिट्ठी भेजी है। उन्होंने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को कुर्सी से हटाने की मांग की है। वीरभद्र सिंह पहले से ही भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए हैं।
उत्तर प्रदेश में वीवीआईपी यानि सांसद और विधायक लोगों के लिए टोल प्लाजा पर अलग से लेन की सुविधा दी जाने वाली। यह सुविधा विधायकों और सांसदों को दी जाएगी ताकि वे ट्रैफिक जाम में ना फंसे।
बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है। मायावती ने राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रापति हामिद अंसारी को इस्तीफा सौंपा है।