सरकार ने न्यूयार्क विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र के प्रोफेसर और अपने आप को गरीब व्यक्ति का रघुराम राजन कहने वाले विराल वी. आचार्य को रिजर्व बैंक का नया डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया है।
नोट बंदी लागू होने के बाद विभिन्न हिस्सों में काले धन को सफेद करने में बैंकों व बैंककर्मियों की भूमिका संदिग्ध है। यूं कहा जाए कि पीएम नरेंद्र मोदी के इस कदम के बाद देश के बैंकिंग ढांचे की कलई खुल गई है। तीन वर्ष पहले एक वेबसाइट की तरफ से निजी व सरकारी बैंकों में काले धन को सफेद करने के गोरखधंधे का जो खुलासा हुआ था वह बदस्तूर जारी है। इस बीच आरबीआइ ने नियमों में कड़ाई बरती है। बैंकों पर जुर्माना लगाया लेकिन इन्हें नजर अंदाज करने वालों पर कोई लगाम नहीं लग पाया है।
पांच सौ और एक हजार के पुराने नोटों को बंद करने की घोषणा के बाद से देश भर में करोड़ों लोग भले ही अब भी अपने कुछ हजार रुपये निकालने के लिए बैंकों के आगे घंटों इंतजार कर रहे हों, लेकिन कुछ लोगों को अपने करोड़ों रुपए को एक्सचेंज करने में कुछ मिनट भी नहीं लग रहे।
नोटबंदी के बाद काले धन पर छापेमारी में बरामद हो रही भारी भरकम नकदी को देखते हुए सरकार आने वाले दिनों में इसे घर पर रखने की सीमा भी तय कर सकती है। ऐसा होने पर कोई भी व्यक्ति एक निश्चित सीमा से अधिक धनराशि कैश में नहीं रख पाएगा।
महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने नोटबंदी पर केंद्र सरकार को जमकर कोसा है। पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने नोटबंदी को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर सवालिया निशान खड़े किए हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को 30 दिसंबर तक एक बैंक खाते में 500 और 1,000 के पुराने या बंद नोटाें में 5,000 रुपये से अधिक की राशि जमा कराने पर कड़े अंकुश लगा दिए। अब 30 दिसंबर तक एक बैंक खाते में पुराने नोटाें में सिर्फ एक बार ही 5,000 रुपये से अधिक की राशि जमा कराई जा सकेगी। इसके लिए जमाकर्ता को बैंक अधिकारियाें को अभी तक पैसा जमा न कराने की वजह बतानी होगी।
नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार को लगता है कि बैंकों के पास जो पैसा आया है, शायद उनकी गिनती ठीक से नहीं हुई है। बैंकों के पास बंद हो चुके 13 लाख करोड़ रुपये के नोट आ चुके हैं। इस तरह से जितनी मुद्रा को निरस्त किया गया था, वह पूरी रकम उन्हें मिल चुकी है। जबकि पुराने नोटों को जमा कराने की अंतिम तारीख 30 दिसंबर है। सरकार ने रिजर्व बैंक और बैंकों से जमा कराए गए नोटों को फिर से जांचने को कहा है।
नोटबंदी को एक माह से भी अधिक का समय हो गया है लेकिन नागरिकों को नकदी की आपूर्ति अभी तक सही ढंग से नहीं हो रही है। इसके अलावा कहीं-कहीं दबंग बिना लाइन मेंं लगे बैंक से नकदी लेने पर आमादा हैं। रकम नहीं मिलने से लोग अब हिंसक होने लगे हैं। बैंकों से धन ना मिलने से नाराज लोग हमले और तोड़फोड़ करने पर उतारु हो गए हैं।
नोटबंदी पर केंंद्र की मोदी सरकार की एक मंत्री ने विवादित बयान दिया है। केंद्रीय मंत्री कृष्णा राज ने कहा है कि बैंक की लाइन में उन्हीं लोगों की मौत हो रही है, जो देश को लूट रहे थे। नोटबंदी फैसले के बाद देशभर में लोगों को बैंकों और एटीएम से पैसा निकालने में दिक्कत हो रही है, यही नहीं कई जगहों पर बैंकों की लाइन में लोगों के मरने की भी खबर है, लेकिन कृष्णा राज ने इन मौतों पर ऐसा बयान देकर एक तरह से बचकाना हरकत की है।
नोटबंदी के बाद नये नोटों की जमाखोरी पर संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार ने देश के विभिन्न बैंकों के करीब 500 शाखाओं का स्टिंग ऑपरेशन कराया है। कयास है कि जमाखोरी में शामिल बैंक अफसरों पर कार्रवाई की जा सकती है। स्टिंग ऑपरेशन की करीब 400 सीडी वित्त मंत्रालय को भेजी जा चुकी है। मीडिया के अनुसार पुराने नोटों को बदलने में बैंक के कर्मचारियों द्वारा मदद की गयी है।