छत्तीसगढ़ के सुकमा में 11 मार्च को हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद हो गए थे। हमले के बाद देशभर के लोगों ने शहीदों के परिवारों की मदद के लिए कदम आगे बढ़ाया। मदद करने वालों में अभिनेता अक्षय कुमार और बैडमिंटन स्टार सायना नेहवाल शामिल है, जिन्होंने शहीदों के परिवारों को आर्थिक मदद दी, लेकिन नक्सलियों को ये नागवार गुजरा।
जम्मू के रहने वाले असिस्टेंट कमांडेंट नबील अहमद वानी ने सरकार को एक पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने आरोप लगाया है कि आतंकवादी उनको और उनकी बहन को धमकी दे रहे हैं। नबील अहमद वानी असिस्टेंट कमांडेंट गत वर्ष बीएसएफ असिस्टेंट कमांडेंट की परीक्षा में अव्वल आए थे।
सतारा जिले का एक गांव स्ट्रॉबेरी के लिए काफी लोकप्रिय है लेकिन अब यह गांव किताबों के कारण भी लोकप्रिय होने जा रहा है। दरअसल इस गांव को भारत का पहला किताबों का गांव वाला टैग मिलने वाला है।
रातो रात बड़े फैसले लेने वाले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में वीआईपी राज को खत्म किया, उन्होंने लालबत्ती संस्कृति को खत्म कर दिया। उन्होंने कहा कि बिजली सुधार के लिए कार्यक्रम में तेजी लाएंगे और 15 जून तक यूपी की सभी सड़कें गढ्ढा मुक्त बनाएंगे।
देश में पानी के प्रति जागरूकता बढ़ाने, नदियों के बहाव की निगरानी करने और पानी को प्रदूषण से बचाने के लिए सरकार ने महत्वाकांक्षी जल क्रांति अभियान योजना के तहत अब 726 जल की कमी वाले गांव की जल ग्राम के तौर पर पहचान की है। प्रत्येक गांव को इंडेक्स वैल्यू प्रदान की जायेगी जो जल की मांग और उपलब्धता के बीच अंतर के आधार पर तैयार होगी।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत एक बार फिर मध्यप्रदेश के दौरे पर आ रहे हैं। इस बार उनका लक्ष्य गांव और ग्रामीण हैं। पिछले हफ्ते हुए अपने दौरे में उन्होंने हिंदुओं को लक्ष्य पर रखा था। इस बार वे सतना के चित्रकूट में देश के गांवों में खुशहाली लाने के एजेंडे पर संघ और भाजपा चिंतन-मनन करेंगे।
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में एसडीएम ने 582 ग्राम पंचायत पदाधिकारियों को नोटिस जारी कर पद से हटाने की चेतावनी दी है। इनके घरों में शौचालय का निर्माण नहीं करवाए जाने के कारण नोटिस जारी किया गया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कैशलेस सोसाइटी की वकालत पर सवाल खड़े करते हुए रविवार को कहा कि गांवों में रहने वाली आधी से ज्यादा आबादी को लेन-देन के इन डिजिटल तरीकों के बारे में बताने के लिये केन्द्र सरकार ने कोई तैयारी नहीं की है।