अपनी पहली विश्व चैंपियनशिप में डेब्यू करते हुए पदक जीतने वाले गौरव दूसरे भारतीय मुक्केबाज हैं। उनसे पहले विकास कृष्ण ने 2011 में चैंपियनशिप में डेब्यू करते हुए पदक जीता था।
रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता पीवी सिंधू ने तूफानी प्रदर्शन करते हुए नौंवीं सीड चीन की चेन यूफेई को लगातार गेमों में 21-13, 21-10 से पीटकर विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में प्रवेश कर लिया।
सिंधू इस टूर्नामेंट में रजत जीतने वाली भारत की दूसरी शटलर हैं। इससे पहले साइना नेहवाल ने साल 2015 में जकार्ता में हुई विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था।
दो बार डोपिंग के लिए बैन हुए और पिछली दो विश्व चैंपियनशिप में बोल्ट से पिछड़ने के बाद सिल्वर मेडल से संतोष करने वाले गैटलिन ने 9.92 सेकेंड के समय के साथ गोल्ड जीता।
रियो डे जेनेरियो में जैवलिन थ्रो के एफ-46 इवेंट में 63.97 मीटर जैवलिन फेंककर देवेंद्र ने एथेंस ओलंपिक के अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ते हुए गोल्ड मेडल जीता था।
भारतीय कुश्ती जगत के लिए शनिवार का दिन शानदार रहा रहा। एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में भारत के लिए बजरंग पुनिया ने गोल्ड मेडल जीत लिया। उन्होंने फ्रीस्टाइल के 65 किग्रा वर्ग में दक्षिण कोरिया के ली सुंग चुल को हराया।
भारत ने अप्रैल-मई में होने वाली एशियाई चैंपियनशिप के लिये कुछ स्थापित और दो नये मुक्केबाजों को टीम में जगह दी है लेकिन दो बार के पदक विजेता एल. देवेंद्रों सिंह इसमें स्थान नहीं बना पाये। विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता शिव थापा (60 किग्रा) और विकास कृष्ण (75 किग्रा) के साथ पूर्व राष्ट्रमंडल चैंपियन मनोज कुमार (60 किग्रा) अपेक्षानुरूप 30 अप्रैल से सात मई के बीच उज्बेकिस्तान के ताशकंद में होने वाली चैंपियनशिप के लिये टीम में चुने गये। यह महाद्वीपीय चैंपियनशिप इस वर्ष के आखिर में होने वाली विश्व चैंपियनशिप के लिये क्वालीफाईंग प्रतियोगिता भी है।