बिहार के विधानसभा चुनावों में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के रवैये से नाराज होने वालों की संख्या में हो रहा है इजाफा। पटना से भाजपा सांसद शत्रुघन सिन्हा के बागी तेवर बरकरार है।
बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए टमटम का उपयोग करने वाले राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू यादव लिए मुसीबत बन सकता है। पशुओं के साथ नैतिक व्यवहार के पक्षधर संगठन पेटा (पीपुल फॉर द इथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनीमल) ने टमटम से प्रचार के विरोध में चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर आवश्यक कार्रवाई की मांग की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुजफ्फरपुर की रैली में जब मंच से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की तारीफ कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कोस रहे थे तब मंच पर बैठे लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान मांझी के बढ़ते कद से असहज महसूस कर रहे थे। यह अलग बात है कि मंच से पासवान ने नीतीश कुमार और लालू यादव को जमकर कोसा लेकिन भाजपा नेताओं के बदलते रवैये से पासवान अंदर से कुछ ठगा महसूस कर रहे थे। और ठीक प्रधानमंत्री की रैली के वक्त भाजपा के सांसद और फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिल रहे थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन शनिवार से बिहार को चुनावी मोड में लाने के लिए तैयार हैं। यूं तो उनके विरोधी जनता परिवार ने पहले ही पूरे राज्य में चुनावी सरगर्मी शुरू कर दी है मगर भारतीय जनता पार्टी इसके लिए अपने स्टार नरेंद्र मोदी की प्रतीक्षा कर रही थी और यह प्रतीक्षा कल खत्म हो जाएगी जब मोदी लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार न सिर्फ बिहार जनसभा को संबोधित करेंगे बल्कि राज्य को केंद्र से कई सौगातों की घोषणा भी करेंगे।
बिहार चुनाव के लिए सूरत से तैयार की जा रही मोदी साड़ी को बड़ा घोटाला बताया है जनता दल यूनाइटेड ने। उसका कहना है कि यह 200 करोड़ रुपये से पड़ा घोटाला है। इस बाबत चुनाव आयोग तक जा सकती है पार्टी
बिहार विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल कहे जा रहे राज्य विधानपरिषद के 24 सीटों के चुनाव में बाजी राजग के हाथ लगी है। इन 24 सीटों में से 12 सीटें सीधे राजग को मिली हैं जबकि एक सीट राजग समर्थित निर्दलीय के हाथ लगी है। राज्य ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर बहुप्रचारित जनता महागठबंधन के हाथ 10 सीटें आई हैं।
उच्चतम न्यायालय ने बिहार विधान परिषद के कुल 24 स्थानों के एक तिहाई सदस्यों का कार्यकाल दो साल, चार साल और छह साल निर्धारित करने का निर्देश निर्वाचन आयोग को देने संबंधी पटना उच्च न्यायालय के फैसले पर आज रोक लगा दी। विधान परिषद के इन सदस्यों (एमएलसी) का निर्वाचन सात जुलाई को होना है।
जुलाई के पहले सप्ताह में होने वाले बिहार विधान परिषद की स्थानीय निकाय कोटे की रिक्त 24 सीटों के चुनाव को लेकर पटना हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग से स्पष्टीकरण मांगा है। हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग से पूछा है कि जो चुनाव कराए जा रहे हैं उसमें सदस्यों का कार्यकाल कितने दिनों के लिए होगा।
बिहार विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए जहां चुनौती है वहीं राजद-जदयू के लिए बना अस्तित्व का सवाल। दोनों ही तरफ लामबंदी तेज हो गई है। चुनावी मुद्दे और टीम?ं सज रही हैं, जातियों के इर्द-गिर्द गोटियां बैठाई जा रही हैं। जनता जनार्दन को अपन पक्ष में खींचने की कवायद तेज। बिहार विधानसभा चुनावों में छुपा है देश की भविष्य की राजनीति का राज। अगर नीतीश गठबंधन जीता तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विकल्प होंगे और अगर मोदी ने फतह किया, तो उत्तर भारत पर पकड़ होगी मजबूत।