दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक और परेशानी में पड़ गए हैं। सीबीआई ने दिल्ली सचिवालय स्थित स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन के दफ्तर पर गुरुवार को छापा मारा है।
उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आम आदमी पार्टी (आप) के मुख्यालय के उपयोग में लाए जा रहे डीडीयू मार्ग के बंगला नंबर 206 राउज एवेन्यू का आवंटन रद्द कर दिया है। दिल्ली में होने वाले एमसीडी चुनाव से पहले मिली इस सूचना से ‘आप’ भड़क गई है। पार्टी ने कहा कि उससे ही उपराज्यपाल की इतनी दुश्मनी क्यों है? आम आदमी पार्टी से इतना भेदभाव क्यों है? आप ने ऐसा कौन सा गुनाह कर दिया है कि उसे कुछ लोग दिल्ली के अंदर काम नहीं करने देना चाहते?
दिल्ली का कनॉट प्लेस कार्यालय के लिये स्थान लेने के मामले में दुनिया का नौंवा सबसे महंगा स्थान है। इसका सालाना किराया 105.71 डॉलर प्रति वर्गफुट तक पहुंच गया है। संपत्ति सलाहकार कंपनी सीबीआरई ने यह जानकारी दी है।
देश में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट अमान्य करने के सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय में कल सुनवाई होगी। इन याचिकाओं में कहा गया है कि सरकार के इस फैसले से नागरिकों के जीवन और व्यापार करने के साथ ही कई अन्य अधिकारों में बाधा पैदा हुई है।
दिल को छू लेने वाली एक पहल के तहत महाराष्ट्र में एक जिलाधिकारी ने बिल्कुल ही निराले अंदाज में सेवानिवृत्त हो रहे अपने ड्राइवर का सम्मान किया। जिलाधिकारी ने ड्राइवर को अपनी सजी-धजी सरकारी गाड़ी में पिछली सीट पर बिठाया और खुद गाड़ी चलाकर कार्यालय तक लेकर गए। सेवानिवृत्ति के दिन अपने उच्चाधिकारी से ऐसी सम्मानजनक विदाई पाकर चालक भाव विह्वल हो उठा।
देश के प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर ने आज कहा कि न्यायिक नैतिकता के साथ कभी भी समझौता नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि असामान्य घटनाओं से पूरी न्याय प्रणाली की छवि खराब हो सकती है। इसके साथ ही उन्होंने न्यायाधीशों से कहा कि उन्हें उनकी सत्यनिष्ठा के बारे में लोगों की धारणा के बारे में आत्मचिंतन करना चाहिए।
जल्द ही लोग सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार के स्तर के बारे में जान सकेंगे। दरअसल, पहली बार केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) 25 संगठनों में रिश्वत के बारे में विचार जुटाने के लिए एक जन धारणा सूचकांक (पब्लिक परसेप्शन इंडेक्स) लाने जा रहा है।
देश में क्रिकेट के सुधार के लिए न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा समिति के निर्देशों को लागू करने में बागी तेवर अपनाने और राज्य संगठनों को जल्दबाजी में करीब 400 करोड़ रूपये बांटने को लेकर भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) को आज उच्चतम न्यायालय की नाराजगी का सामना करना पड़ा।