कोलकाता में प्रतिष्ठित भारतीय सांख्यिकी संस्थान आईएसआई के निदेशक बिमल कुमार रॉय को उनके पद से हटा दिया गया है। उनके खिलाफ यह कार्रवाई इस आशंका के आधार की गई है कि वह अनुशासनहीनता एवं वित्तीय अनियमितता सहित नुकसान करने वाली कार्रवाई कर सकते हैं।
प्रख्यात लेखक और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी विभूति नारायण राय ने शनिवार को कहा कि 28 साल पहले मेरठ के हाशिमपुरा में हुए जनसंहार मामले में तत्कालीन सरकार ने पीएसी बल के विद्रोह के डर से समुचित कार्रवाई नहीं की थी और बाद में आई तथाकथित धर्मनिरपेक्ष सरकारों ने भी पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कोई गंभीर पहल करने के बजाय मामले को दबाने की कोशिश की।
सन 2014 में आई विनाशकारी बाढ़ से अब तक उबर नहीं पाए जम्मू के किसानों को उस समय एक और झटका लगा जब राज्य सरकार की ओर से उन्हें महज 32 रुपये से लेकर 113 रुपये की राशि वाला चेक प्रदान किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित आलोचना पर छात्रों के एक संगठन की मान्यता रद्द कर दिए जाने के विरोध में यहां आईआईटी मद्रास के बाहर एक सड़क को बंद करने का प्रयास करने के लिए वामपंथी छात्रा संगठन डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) के कई कार्यकर्ताओं को आज हिरासत में ले लिया गया।
केंद्र सरकार और आम आदमी पार्टी की सरकार के बीच दिल्ली पर अधिकार की जंग अब सर्वोच्च न्यायालय जाएगी। केजरीवाल सरकार को उच्च न्यायालय में मिली जीत को केंद्र सरकार सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देगी। उधर, बुधवार को दिल्ली विधानसभा में एक आप विधायक ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की विवादास्पद अधिसूचना की प्रति फाड़ दी।
भाजपा नरेंद्र मोदी सरकार की एक साल की उपलब्धियों को गिनाने के लिए पूरे देश में कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है। वहीं कांग्रेस देश भर में मोदी सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रही है।
दिल्ली में वर्चस्व की लड़ाई पर दिल्ली हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है। हाईकोर्ट का मानना है कि उपराज्यपाल का बढ़ता हस्तक्षेप और केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना जनादेश के सम्मान के खिलाफ है।
देश के संवैधानिक प्रमुख की हैसियत से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राजधानी दिल्ली में गहराते संवैधानिक संकट को देखते हुए अब और निष्क्रियता और चुप्पी की आरामतलबी गवारा नहीं कर सकते। केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना और आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार के उसके खिलाफ विधान सभा का सत्र बुलाने के निर्णय से केंद्र और दिल्ली सरकार का टकराव अब उस कगार पर पहुंच गया है कि बिना न्यायपालिका या राष्ट्रपति जैसी उच्च संवैधानिक संस्थाओं की पंचायती के किसी परिपक्व संवैधानिक हल की उम्मीद नहीं।
दिल्ली में उपराज्यपाल नजीब जंग और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच छिड़े विवाद में केंद्र सरकार के भी कूद पड़ने पर उद्योग संघ ने कड़ी टिप्पणी की है। एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत का कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी की जनता ने अपनी बुनियादी जरूरतों के लिए केजरीवाल सरकार को चुना है, लोगों को संविधान में लिखे शब्दों से कोई लेना-देना नहीं है।