जीएसटी लागू होने के बाद कर व्यवस्था पूरी तरह बदल जाएगी। 'एक देश एक कर' लागू हो जाएगा। इस नई व्यवस्था में उपभोक्ताओं के लिए क्या सस्ता और क्या महंगा, के अलावा यह भी जानना जरूरी है कि किस वस्तु पर कितना कर लगेगा।
बस कुछ ही घंटों की बात है। आज आधी रात से जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) लागू हो जाएगा। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसी बहुत सी रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुएं हैं जो महंगी नहीं होंगी।
अगर आप कार खरीदने का मन बना रहे हैं तो इससे अच्छा मौका और कहां मिलेगा। कार निर्माता अपनी बजट और लोकप्रिय गाड़ियों पर 25 हजार से 90 हजार तक की छूट दे रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अव्यवस्था को लेकर असुविधा से जूझ रहे मरीजों की की पोल खुलती जा रही है। इस बार सीएम योगी के यूपी में सरकारी अस्पताल की अव्यवस्था का किस्सा एक ऐसे अस्पताल का है, जहां प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिला को एंबुलेंस सेवा नहीं मिली और बाद में उसे निजी वाहन से सहारनपुर ले जाना पड़ा।
एक तरफ भारतीय जनता पार्टी देश भर में बीफ बैन की मांग कर रही है तो वहीं भाजपा के एक नेता का बड़ा बयान आया है। भाजपा नेता का कहना है कि उनकी पार्टी राज्य में सत्ता में आती है तो गो मांस पर प्रतिबंध नहीं होगा। और बूचड़खानों को कानूनी रूप से मान्यता दी जाएगी। जिससे विभिन्न प्रकार के मांसों की कीमतें घटेंगी।
केंद्र सरकार ने आज कहा कि 1 जुलाई से लागू होने वाली जीएसटी व्यवस्था के तहत मनोरंजन, केबल, डीटीएच सेवाएं भी सस्ती हो जाएंगी। क्योंकि इन पर राज्यों की ओर से लगाया जाने वाला मनोरंजन टैक्स जीएसटी में शामिल हो जाएगा।
केंद्र सरकार ने आज कहा कि आने वाले दिनों में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) व्यवस्था के तहत स्माोर्टफोन, सीमेंट और मेडिकल उपकरणों को खरीदना सस्ता हो जाएगा। वहीं, जीएसटी के तहत पूजा सामग्री को 'शून्य' श्रेणी में रखा गया है। जीएसटी काउंसिल ने कई वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी टैक्स की दरें पिछले हफ्ते ही तय कर दी थीं।
जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी के तहत 1211 वस्तुओं पर कर की दरें तय कर दी हैं। जीएसटी लागू होने के बाद रोजमर्रा के इस्तेमाल और आवश्यक वस्तुएं सस्ती होंगी। इसके तहत अनाज, गेहूं आटा, बेसन, मैदा, ब्रेड, दूध, दही, फल और सब्जियां सस्ती हो जाएंगी।
वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के प्रस्तावित चार स्तरीय ढांचे से आम आदमी प्रभावित हो सकता है। इस कर ढांचे के अमल में आने से आम आदमी की रसोई में काम आने वाले खाद्य तेल, मसाले और चिकन जैसा सामान महंगा हो सकता है। अप्रत्यक्ष कर के इस ढांचे में दूसरी तरफ कुछ टिकाऊ उपभोक्ता सामान जैसे टेलीविजन, एयर कंडीशनर्स, फ्रिज और वाशिंग मशीन आदि करों में कमी से सस्ते हो सकते हैं।